मैदानी इलाकों में बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी से तापमान में जबरदस्त गिरावट दर्ज

पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते राजधानी दून व आसपास के इलाकों के साथ पूरे उत्तराखंड में मौसम का मिजाज अचानक बदल गया है। मैदानी इलाकों में बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी से तापमान में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है।

चारधाम सहित ऊंची चोटियों पर बर्फबारी
बुधवार को देहरादून में सुबह से बादल छाए रहे। वहीं चारधाम सहित ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हुई। उत्तरकाशी जनपद में मौसम खराब है। यमुनोत्रीधाम व आसपास की चोटियों पर बर्फबारी हुई। निचले इलाकों में बारिश से यहां ठंड बढ़ गई है। लोग घरों में ही दुबके हुए हैं।

केदारनाथ, तुंगनाथ में दो फीट से अधिक बर्फ, चोपता लकदक 
केदारनाथ में दो फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है। यहां निरंतर हो रही बर्फबारी से दिनभर तापमान माइनस में रहा। उधर, द्वितीय केदार मद्महेश्वर व तृतीय केदार तुंगनाथ, चंद्रशिला व हरियाली कांठा में भी दो फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है। जबकि पर्यटक स्थल चोपता बर्फ से लकदक हो गया है। बुधवार को बर्फ का आनंद लेने कई पर्यटक चोपता पहुंचे। इधर, निचले इलाकों में रूक-रूककर रिमझिम बारिश से कड़ाके की ठंड के कारण बाजारों में चहलकदमी भी कम रही।

बारिश-बर्फबारी से शीतलहर की चपेट में चमोली जनपद 
चमोली जनपद में बुधवार को दिनभर बारिश और बर्फबारी होती रही। बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, रुद्रनाथ, लाल माटी, फूलों की घाटी, गौरसों बुग्याल, औली, नीती और माणा घाटियों के साथ ही ऊंचाई क्षेत्र के गांवों में जमकर बर्फबारी हुई। नंदा देवी, नीलकंठ, सतोपंथ सहित दर्जनों चोटियां बर्फ से ढक गई हैं। बदरीनाथ धाम में करीब एक फीट और हेमकुंड साहिब में डेढ़ फीट तक जाती बर्फ जम गई है। बारिश-बर्फबारी से समूचा जनपद शीतलहर की चपेट में है। ठंड से बचने के लिए लोग दिनभर अपने घरों में ही दुबके रहे। बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा।

बारिश से मलारी हाईवे सलधार के पास अवरुद्ध हो गया है, जबकि हेलंग-उर्गम मोटर मार्ग भी पावर हाउस के समीप अवरुद्ध है। जिससे लोगों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मलारी हाईवे बंद होने से सेना और आईटीबीपी के वाहनों की आवाजाही भी ठप रही। जोशीमठ, गोपेश्वर, पोखरी, घाट, पीपलकोटी, नंदप्रयाग सहित अन्य क्षेत्रों में दिनभर बारिश होने से कड़ाके की ठंड पड़ रही है।

निजमुला घाटी के पाणा, ईराणी, सुतोल, कनोल, रामणी, डुमक, कलगोठ सहित ऊंचाई वाले गांवों में भी बर्फबारी हुई। जिससे ग्रामीणों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने भारी बर्फबारी को देखते हुए ऊंचाई वाले क्षेत्रों में खाद्यान्न सहित अन्य जरुरी सुविधाओं के लिए अधिकारियों को लगातार ग्रामीणों के संपर्क में रहने के निर्देश दिए हैं। 

रूपकुंड, वेदनी, ब्रह्मताल बर्फ से ढ़के 

रूपकुंड वेदनी, आली बगुवावासा, आयजनटाप, ब्रह्मताल बर्फ से ढक गए हैं। वांण, वांक, कुलिंग, लोहाजंग, घेस, बलाण, हिमनी, पिनाऊ, रामपुर, तोरती, सौरीगाड़ में बर्फबारी हुई है। बुधवार को बर्फबारी को देखने 100 से अधिक पर्यटक ब्रह्मताल पहुंचे। बेस कैंप लोहाजंग में भी कई पर्यटक रुके हैं। लोहाजंग के इंद्र राणा ने कहा कि बुग्यालों में बर्फ देखने कई शहरों से पर्यटक ब्रह्मताल भी गए हैं। 

बारिश से निचली घाटियों में कड़ाके की ठंड 
बुधवार को कर्णप्रयाग सहित पिडंरघाटी क्षेत्र में सुबह से जारी बारिश के कारण कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बेनीताल, नौटी, नंदासैंण सहित ऊंचाई वाले गांवों में लोग दिनभर ठंड से कांपते रहे। वहीं, नदी किनारे वाले कस्बों में ठंडी हवाएं चलने ठंड बढ़ गई है। बारिश से बाजारों में भीड़भाड़ कम रही।

वहीं थराली में भी लगातार बारिश लगी रही। इससे उचांई वाले क्षेत्रों के 20 से अधिक गांवों ने बर्फ की सफेद चार ओढ़ ली है। थराली के गुमड़, हरिनगर, लेटाल, गेरूड़, कोलपुड़ी, तैलाण, घिनपाणी, रूईसाण, रतगांव सहित कई गांव बर्फ से ढक गए हैँ। 

ठंडक से बचने को पहनें गर्म कपड़े 
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान में अचानक आई गिरावट और बारिश के चलते सर्दी, जुकाम, बुखार, विंटर डायरिया के साथ ही माइग्रेन जैसी बीमारियों के होने की पूरी संभावना है। ऐसे में लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है। दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एवं वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. केसी पंत का कहना है कि मौसम का जो मिजाज देखने को मिल रहा है। उसे देखते हुए थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। घर से बाहर जब भी निकलें गर्म कपड़े पहनने के साथ ही ठंडक से बचने का पूरा इंतजाम करें।  

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