आज का संपादकीय !

उदयपुर: यह तो 800 बरसों से चल रहा है। भावी पीढ़ियों के लिए अब चेतना ही होगा। गंगा-जमुनी तहजीब और सेक्युलरिज़म सबसे बड़ा धोका है। यह सनातन आर्य संस्कृति को बचाने का अंतिम मौका है। दलित-आदिवासी भाइयों को छाती से लगाओ और सुदृढ़ आर्यावर्त की ओर आगे बढ़ो। नहीं जागे तो सोते-सोते अतीत बन जाओगे।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here