टोक्यो ओलंपिक: गोल्फर अदिति अशोक ऐतिहासिक पदक से चूकीं, चौथे स्थान पर रहीं

टोक्यो ओलिंपिक 2020 के गोल्फ कोर्स से भारत के लिए अच्छी और बड़ी खबर सामने आई है. यहां भारत की महिला गोल्फर अदिति अशोक ने बड़ा कमाल किया  है. उन्होंने गोल्फ में भारत के लिए मेडल तो नहीं जीता , पर  इस खेल को देश में नई पहचान दिलाने का काम किया है. अदिति दुनिया की 200वें नंबर की गोल्फर हैं. लेकिन अपने कमाल के खेल से उन्होंने मौजूदा वर्ल्ड नंबर वन अमेरिका की नेली कोर्डा और पूर्व वर्ल्ड नंबर वन लीडिया को को कड़ी टक्कर दी है. 23 साल की अदिति सिर्फ एक शॉट से मेडल जीतने से चूक गईं.

भारतीय गोल्फर अदिति अशोक का ये दूसरा ओलिंपिक था. उन्होंने 2016 के रियो में अपना ओलिंपिक डेब्यू किया था. अपने डेब्यू ओलिंपिक में तो वो मेडल से चूक गईं थी. शुरुआती दो राउंड में तो वहां उन्होंने अपने प्रदर्शन से खूब सुर्खियां बटोरी थीं, लेकिन बाद में वो लय कायम नहीं रख पाईं थीं और 41वें स्थान पर रहकर रियो में अपने सफर का अंत किया था. लेकिन टोक्यो में उन्होंने रियो की गलतियों से सबक लिया और  चौथे नंबर पर रहकर अपने सफर का अंत किया.

एक शॉट से गंवाया मेडल

भारतीय गोल्फर अदिति अशोक ने गोल्फ इवेंट में शुरुआत से ही दमदार प्रदर्शन किया. उन्होंने मैच पर लगातार अपनी पकड़ बनाए रखी और टॉप 3 में जगह बनाकर रखी. तीसरे राउंड का खेल खत्म होने के बाद वो अमेरिका की गोल्फर नेली कोर्डा के बाद दूसरे नंबर पर थीं, यानी सिल्वर मेडल की प्रबल दावेदार थीं. इसके बाद शनिवार को खेले चौथे और आखिरी राउंड में भी आखिर तक वो मेडल की कंटेंडर बनीं रहीं. लेकिन मैच में लगाए आखिरी शॉट पर हुई चूक से उनके हाथ से मेडल जीतने का मौका  फिसल गया.

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