केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा में जानकारी दी कि वर्ष 2025 के पहले छह महीनों (जनवरी से जून) के दौरान देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुई सड़क दुर्घटनाओं में 26,770 लोगों की मौत हुई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में नेशनल हाईवे पर कुल 52,609 गंभीर सड़क हादसे दर्ज किए गए।

हाईवे पर लगेगा एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम
गडकरी ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने देश के कई व्यस्त राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर अत्याधुनिक ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली (ATMS) स्थापित की है। इसमें दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, ट्रांस-हरियाणा हाईवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जैसे मार्ग शामिल हैं।

तेज़ रेस्पॉन्स और जीवन रक्षा में मददगार
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह तकनीक इलेक्ट्रॉनिक निगरानी उपकरणों से युक्त है, जो किसी भी घटना की तत्काल पहचान कर सकती है। इससे आपात स्थिति की सूचना समय रहते मिल जाती है और तत्काल सहायता उपलब्ध कराना संभव हो पाता है, जिससे कई बार लोगों की जान बचाई जा सकती है।

सड़क सुरक्षा ऑडिट का भी विस्तार
गडकरी ने बताया कि हाई-डेंसिटी और हाई-स्पीड कॉरिडोर वाले नए प्रोजेक्ट्स में ATMS को पहले से योजना में शामिल किया जा रहा है, जबकि पुराने मार्गों पर भी इसे अलग प्रोजेक्ट के तहत लागू किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले तीन वर्षों में कुल 1,12,561 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों की सुरक्षा ऑडिट की जा चुकी है।

दुर्घटनाओं में दोपहिया वाहन सबसे ज़्यादा शामिल
गडकरी ने सड़क दुर्घटनाओं को एक गंभीर चुनौती बताते हुए कहा कि भारत में सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य का मुद्दा बन चुका है। वर्ष 2022 में देशभर में 4.5 लाख से अधिक सड़क हादसों में 1.5 लाख से अधिक लोगों की जान गई।
इनमें सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं दोपहिया वाहनों से जुड़ी होती हैं। तेज गति, बिना हेलमेट वाहन चलाना और पैदल यात्रियों द्वारा निर्धारित स्थानों की बजाय सड़क पार करना अक्सर हादसों की वजह बनते हैं।

सरकार सड़क सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध
सरकार इन चिंताओं को ध्यान में रखते हुए लगातार सड़क सुरक्षा उपायों को मजबूत कर रही है ताकि हादसों की संख्या घटाई जा सके और अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके।