दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) से अपील की है कि राजधानी में पुरानी गाड़ियों को ईंधन देने पर रोक लगाने के आदेश को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाए। सरकार का कहना है कि 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 वर्ष से पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन न देने संबंधी निर्देश फिलहाल तकनीकी जटिलताओं और मौजूदा सिस्टम की सीमाओं के चलते व्यावहारिक रूप से लागू करना संभव नहीं है।
CAQM से जुड़े सूत्रों के अनुसार, मंत्री सिरसा का पत्र आयोग को प्राप्त हो चुका है और उसमें उल्लिखित बिंदुओं का अध्ययन कर निर्णय लिया जाएगा। तब तक के लिए पहले से लागू निर्देश प्रभावी रहेंगे।
मंत्री सिरसा ने आयोग को लिखे पत्र में कहा, “हम निवेदन करते हैं कि ‘डायरेक्शन नंबर 89’ को उस समय तक स्थगित किया जाए, जब तक एनसीआर क्षेत्र में ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) सिस्टम पूरी तरह क्रियान्वित नहीं हो जाता।” उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार की मौजूदा पहलें वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार लाने में मदद करेंगी।
जन प्रतिक्रिया के बाद कार्रवाई
एक प्रेस वार्ता में सिरसा ने बताया कि इस निर्णय को लेकर जनता में व्यापक असंतोष है और सरकार नागरिकों के साथ खड़ी है। उल्लेखनीय है कि CAQM ने अप्रैल में यह निर्देश जारी किया था कि 1 जुलाई 2025 से 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल व सीएनजी वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाएगा। यह निर्देश न केवल दिल्ली में पंजीकृत, बल्कि अन्य राज्यों से आई गाड़ियों पर भी लागू होगा।
दिल्ली में कितनी पुरानी गाड़ियां चल रही हैं?
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में लगभग 60.14 लाख ऐसी गाड़ियां हैं जिनका पंजीकरण रद्द हो चुका है, फिर भी उनमें से कई अब भी सड़कों पर चल रही हैं। VAHAN डाटाबेस के मुताबिक इनमें करीब 41 लाख दोपहिया और 18 लाख चारपहिया वाहन शामिल हैं।
पिछले महीने दिल्ली सरकार ने इस निर्णय के क्रियान्वयन के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) भी जारी की थी। इसके तहत सभी पेट्रोल पंपों को यह निर्देश दिया गया था कि वे ईंधन से वंचित किए गए पुराने वाहनों का डिजिटल या मैनुअल रिकॉर्ड बनाए रखें।