नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश की पहली सहकारी टैक्सी सेवा 'भारत टैक्सी' शुरू की है, जिसे सीधे निजी ऐप-आधारित कैब कंपनियों जैसे ओला और उबर को चुनौती देने के लिए तैयार किया गया है। यह पहल केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय और नेशनल ई-गवर्नेंस डिविजन (NeGD) के सहयोग से विकसित की गई है। इसका उद्देश्य ड्राइवरों को उनकी पूरी आय देना और यात्रियों को सुरक्षित, पारदर्शी और सरकारी निगरानी वाले विकल्प प्रदान करना है।

पिछले कई वर्षों से ऐप आधारित कैब सेवाओं पर शिकायतें बढ़ती रही हैं। यात्रियों ने गंदे वाहन, बढ़े हुए किराए और अचानक रद्दीकरण जैसी समस्याओं की शिकायत की, वहीं ड्राइवर कंपनियों द्वारा ली जाने वाली उच्च कमीशन दर से असंतुष्ट हैं, जो उनकी कमाई का लगभग 25 प्रतिशत तक कम कर देती है।

ड्राइवरों की बढ़ेगी आमदनी
'भारत टैक्सी' में ड्राइवरों से कोई कमीशन नहीं लिया जाएगा। इसके बजाय, सदस्यता आधारित मॉडल के तहत ड्राइवर केवल मामूली दैनिक, साप्ताहिक या मासिक शुल्क का भुगतान करेंगे। इससे सरकार का दावा है कि ड्राइवरों की कमाई निजी कंपनियों की तुलना में बेहतर होगी।

दिल्ली में शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट
भारत टैक्सी का पायलट प्रोजेक्ट नवंबर में दिल्ली में 650 वाहनों और उनके चालकों के साथ शुरू होगा। सफल होने पर दिसंबर में इसे अन्य प्रमुख शहरों में विस्तारित किया जाएगा। शुरुआती चरण में लगभग 5,000 पुरुष और महिला ड्राइवर शामिल होंगे।

भविष्य की योजना
मार्च 2026 तक सरकार का लक्ष्य कई महानगरों में भारत टैक्सी का संचालन स्थापित करना है। 2030 तक योजना है कि इस प्लेटफॉर्म में लगभग 1 लाख ड्राइवर जुड़ें, जो जिला मुख्यालयों और ग्रामीण क्षेत्रों तक सेवा प्रदान करेंगे।

सहकारी उद्यम के रूप में संचालन
भारत टैक्सी एक निजी कंपनी नहीं बल्कि सहकारी उद्यम के रूप में संचालित होगी। इसे सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड द्वारा चलाया जाएगा, जिसकी स्थापना जून 2025 में 300 करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी से की गई थी।