प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक पार्थो घोष का 61 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सोमवार सुबह उन्होंने मुंबई के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वह काफी समय से हृदय संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। उनके परिवार में अब केवल पत्नी गौरी घोष शेष हैं। उनके निधन से फिल्म उद्योग में शोक की लहर दौड़ गई है। पार्थो घोष को विशेष रूप से 90 के दशक की कई चर्चित और सफल फिल्मों के निर्देशन के लिए जाना जाता है, जिनमें नाना पाटेकर, मनीषा कोइराला और जैकी श्रॉफ जैसे चर्चित कलाकारों ने काम किया था।
पार्थो घोष ने 1991 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘100 डेज’ से निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा। यह फिल्म उस दौर की सबसे बड़ी सफल फिल्मों में शामिल रही। इस फिल्म ने नाना पाटेकर को एक सशक्त और संवादप्रधान अभिनेता के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। फिल्म में जैकी श्रॉफ और माधुरी दीक्षित भी मुख्य भूमिकाओं में नजर आए थे, और इसके रहस्य से भरे कथानक को दर्शकों ने खूब सराहा।
‘100 डेज’ के बाद उन्होंने कई उल्लेखनीय फिल्में निर्देशित कीं। 1996 में आई ‘अग्नि साक्षी’ में मनीषा कोइराला और नाना पाटेकर की अदाकारी को खूब सराहा गया। घरेलू हिंसा जैसे संवेदनशील विषय पर बनी इस फिल्म में मनीषा कोइराला के सशक्त अभिनय ने दर्शकों का ध्यान खींचा और फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी सफलता पाई। इसके बाद 1997 में रिलीज़ हुई ‘गुलाम-ए-मुस्तफा’ में नाना पाटेकर को एक नए अंदाज़ में पेश किया गया, जो दर्शकों को बेहद पसंद आया।
पार्थो घोष की फिल्मों में अक्सर सामाजिक मुद्दों को उकेरने की कोशिश देखने को मिलती थी। 1993 की फिल्म ‘दलाल’, जिसमें मिथुन चक्रवर्ती मुख्य भूमिका में थे, इसका एक उदाहरण है। भले ही उन्होंने अपने करियर में सीमित संख्या में फिल्में बनाई हों, लेकिन 90 के दशक में उनके द्वारा निर्देशित फिल्में आज भी सिनेमा प्रेमियों के ज़ेहन में ताजा हैं।