राजकोट। आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े मामले में अहमदाबाद एटीएस की कार्रवाई को अदालत ने सही ठहराते हुए राजकोट की स्थानीय अदालत ने तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। ये तीनों युवक मूल रूप से पश्चिम बंगाल के निवासी हैं, जिन्हें दो वर्ष पहले राजकोट के सोनी बाजार क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था।

एटीएस की कार्रवाई और गिरफ्तारी

गुजरात एटीएस को 2023 में सूचना मिली थी कि पश्चिम बंगाल के तीन युवक मजदूरी का सहारा लेकर राजकोट में अल-कायदा का नेटवर्क खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। जानकारी के आधार पर 31 जुलाई 2023 को सोनी बाजार और राजकोट रेलवे स्टेशन पर छापेमारी की गई और तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

आरोपियों की पहचान और बरामदगी

गिरफ्तार युवकों की पहचान अमन सिराज मलिक, अब्दुल शकुल अली शेख और शफनवाज अबुशाहिद के रूप में हुई थी। छापेमारी के दौरान पुलिस को पिस्तौल, कारतूस और अन्य आपत्तिजनक सामग्री मिली थी। इसके अलावा अमन सिराज के फोन से ‘राहे-ए-हिदायत’ नामक व्हाट्सएप ग्रुप भी मिला, जिसमें राष्ट्र-विरोधी संदेश और गतिविधियां पाई गईं।

अदालत का फैसला

लंबी सुनवाई और सबूतों की जांच के बाद अदालत ने तीनों युवकों को दोषी ठहराया। फैसला सुनाते हुए अदालत ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि आरोपी व्हाट्सएप चैट के जरिए युवाओं को भड़काकर आतंकी संगठन से जोड़ने की कोशिश कर रहे थे।

इस फैसले को आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है और सुरक्षा एजेंसियों ने इसे एटीएस की बड़ी सफलता करार दिया है।