ई20 ईंधन और उससे जुड़े वाहनों को लेकर पैदा हुई असमंजस की स्थिति के बीच केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने साफ कहा है कि हाइड्रोजन आने वाले समय का प्रमुख ईंधन होगा। उनके अनुसार परिवहन और औद्योगिक ढांचा अब इलेक्ट्रिक वाहनों, बायोफ्यूल और हाइड्रोजन तकनीक पर केंद्रित होगा।
रेलवे और हवाई जहाज तक पहुंचेगा हाइड्रोजन
गडकरी ने बताया कि हाइड्रोजन का इस्तेमाल सिर्फ सड़कों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भविष्य में ट्रेनें भी इससे चलेंगी और हवाई जहाज भी उड़ेंगे। इससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी और ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा।
भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में छलांग
हाल ही में भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए वैश्विक ऑटोमोबाइल बाजार में तीसरा स्थान हासिल किया है। गडकरी ने बताया कि अमेरिका का ऑटो सेक्टर लगभग 78 लाख करोड़ रुपये, चीन का करीब 49 लाख करोड़ रुपये और भारत का 22 लाख करोड़ रुपये का है। उन्होंने कहा कि मर्सिडीज के वैश्विक चेयरमैन ने भारत में इलेक्ट्रिक मर्सिडीज बनाने की योजना की जानकारी दी है।
पर्यावरण और विकास में मिलेगा फायदा
गडकरी का कहना है कि अगर बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहन, बायोफ्यूल और हाइड्रोजन तकनीक को अपनाया गया, तो इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, प्रदूषण पर काबू मिलेगा और देश तेजी से विकास की ओर बढ़ेगा।
ऊर्जा निर्यातक बन सकता है भारत
मंत्री ने बताया कि इस समय हाइड्रोजन की कीमत 5 से 6 डॉलर प्रति किलो है, लेकिन यदि इसे घटाकर 1 डॉलर प्रति किलो तक लाया गया तो भारत तेल उत्पादक देशों की तरह ऊर्जा निर्यातक भी बन सकता है।
सबसे बड़ी चुनौती
गडकरी ने माना कि हाइड्रोजन को अपनाने की राह में सबसे बड़ी बाधा फिलिंग स्टेशन और सप्लाई नेटवर्क खड़ा करना है। इस दिशा में तुरंत और व्यापक स्तर पर काम करने की जरूरत है।