कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) और विपक्षी भाजपा के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें 'कार्यवाहक प्रधानमंत्री' तक बता डाला। ममता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शाह पर अधिक भरोसा नहीं करना चाहिए क्योंकि वह 'एक दिन उनके लिए मीर जाफर' साबित हो सकते हैं। मीर जाफर का नाम इतिहास में पलासी की लड़ाई में धोखेबाजी के लिए लिया जाता है।

ममता बनर्जी ने कहा कि चुनाव आयोग की मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के पीछे शाह का हाथ है और प्रधानमंत्री को उनके सभी कार्यों की जानकारी है। उन्होंने केंद्रीय सत्ता पर हमला करते हुए दावा किया कि प्राकृतिक आपदाओं जैसे संवेदनशील मामलों में भी सियासत की जाती रही है।

भाजपा ने बंगाल की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि ममता सरकार के दौरान राजनीतिक हिंसा आम होती जा रही है और सांसद- विधायक भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने 6 जनवरी 2024 को TMC कार्यकर्ताओं द्वारा ईडी और सीआरपीएफ पर हमला और विपक्षी गठबंधन (INDIA) के दलों पर सवाल उठाए।

पूनावाला ने टीएमसी विधायकों की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ टिप्पणियों को भी अस्वीकार्य बताया। उन्होंने कहा कि ममता सरकार की मानसिकता 'तालिबानी' है और पश्चिम बंगाल में नागरिक भय और असुरक्षा का सामना कर रहे हैं।

उत्तर बंगाल में हालिया बाढ़ और भूस्खलन में 35 से अधिक लोगों की मौत और 50,000 से अधिक लोगों के विस्थापन के लिए भाजपा ने टीएमसी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। पूनावाला ने कहा कि आदिवासी समुदाय के तीन भाजपा नेताओं पर हाल ही में हुई हिंसा टीएमसी की राजनीतिक हताशा को दर्शाती है। इस हिंसा में खगेन मुर्मू आईसीयू में हैं और शंकर घोष पर भी हमला हुआ।

बंगाल की सियासत में इन आरोप-प्रत्यारोपों के बीच दोनों पार्टियों के बीच चुनाव और कानून व्यवस्था को लेकर विवाद और गहराने की संभावना बनी हुई है।