सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर इन दिनों यह बात तेजी से फैल रही है कि सरकार जल्द ही यूपीआई (UPI) के माध्यम से भुगतान और प्राप्ति पर व्यापारियों से अतिरिक्त शुल्क वसूलने की योजना बना रही है। इस तरह की अफवाहों के बीच लोगों के बीच भ्रम की स्थिति बन गई है।
हालांकि, वित्त मंत्रालय ने इन चर्चाओं को पूरी तरह खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि यूपीआई पर किसी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क लगाने की कोई योजना नहीं है। मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा कि यूपीआई ट्रांजेक्शन पर शुल्क लगाए जाने की खबरें निराधार और गलत हैं, और इसका उद्देश्य जनता में अनावश्यक डर फैलाना है। सरकार ने दोहराया कि वह डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
यूपीआई ने छोड़ा वीज़ा को पीछे
यूपीआई की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और हाल ही में इसने ऑनलाइन भुगतान के क्षेत्र में वीज़ा (Visa) को भी पीछे छोड़ दिया है। जून 2025 के आंकड़ों के अनुसार, केवल 1 जून को ही यूपीआई के जरिए 64.4 करोड़ लेन-देन दर्ज किए गए, जबकि 2 जून को यह संख्या 65 करोड़ के पार पहुंच गई।
वित्त वर्ष 2023-24 में वीज़ा के कुल ट्रांजेक्शन की संख्या लगभग 64 करोड़ रही थी। वहीं, जून 2025 के पहले तीन दिनों में यूपीआई के औसत दैनिक लेन-देन 64.8 करोड़ रहे। इस उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए डिजिटल भुगतान सेवा कंपनी एयरपे के संस्थापक कुणाल झुनझुनवाला ने कहा कि यूपीआई जल्द ही दैनिक ट्रांजेक्शन के मामले में वीज़ा को पूर्ण रूप से पछाड़ देगा।