लद्दाख के समाजसेवी सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अपने पति की NSA के तहत गिरफ्तारी को अनुचित करार देते हुए उनकी बिना शर्त रिहाई की मांग की है। पत्र की प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी भेजी गई है।

गीतांजलि ने पत्र में कहा कि एक आदिवासी होने के नाते राष्ट्रपति लद्दाख के लोगों की भावनाओं को बेहतर समझ सकती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि 24 सितंबर को लद्दाख में हुई हिंसा में उनके पति का कोई हाथ नहीं था। गीतांजलि ने बताया कि सोनम ने खुद हिंसा की निंदा की थी।

साथ ही उन्होंने सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले चार साल से केंद्र सरकार लद्दाख आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उनके अनुसार, FCRA लाइसेंस रद्द करने और पाकिस्तानी लिंक जैसे आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं। वर्तमान में सोनम को जोधपुर जेल में रखा गया है।

गीतांजलि ने अपने पति को देश के लिए खतरा न मानते हुए कहा, "सोनम वांगचुक ने अपने जीवन को लद्दाख की धरती के वीर सपूतों की सेवा में समर्पित किया है। उन्होंने भारतीय सेना के जवानों के लिए शेल्टर होम्स बनाए ताकि वे सुरक्षित और आरामदायक वातावरण में अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सकें।" उन्होंने इस गिरफ्तारी को न केवल गलत, बल्कि रणनीतिक रूप से भी नुकसानदायक बताया।

गीतांजलि ने यह भी कहा कि उन्हें सोनम से फोन पर बात करने की अनुमति नहीं दी गई और उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी भी नहीं दी गई। उन्होंने घटना की पृष्ठभूमि बताते हुए कहा कि 24 सितंबर के हिंसक प्रदर्शन के बाद उनके पति के NGO का लाइसेंस रद्द कर दिया गया और अन्य कई कार्रवाई की गई।