लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के लोकसभा चुनाव-2024 में प्रदेश की 65 सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारने के दावे से कांग्रेसियों को झटका लगा है। सपा व कांग्रेस नेताओं के बीच मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर मनमुटाव सामने आने के बाद अब अखिलेश के इस दावे से दूरियां और बढ़ सकती हैं।
विपक्षी गठबंधन के चलते कांग्रेस प्रदेश में एक चौथाई सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने की तैयारी में रही है। भले ही कांग्रेसी नेता यह कहते रहे हों कि पार्टी सभी 80 सीटों पर तैयारी कर रही है।
मुस्लिम वोट बैंक का सहारा
भीतर खाने पार्टी की रणनीति अपनी परंपरागत सीट रायबरेली व अमेठी के अलावा उन सीटों पर प्रत्याशी उतारने की थी, जहां वह पहले जीत का स्वाद चख चुकी है तथा इस बार मुस्लिम वोट बैंक के सहारे जीत की उम्मीद अधिक नजर आ रही है।
अखिलेश के दावे के बाद अगर गठबंधन की सूरत को देखें तो कांग्रेस के हिस्से लगभग दस सीटें आती ही दिख रही हैं। गठबंधन का हिस्सा रालोद व अन्य दलों के भी अपने दावे होंगे।
बोलने से बच रहे अजय राय
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय अभी सीटों के बंटवारे को लेकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि सपा का अपना निर्णय है। वह इसे लेकर केंद्रीय नेतृत्व से पहले वार्ता करेंगे।