उदयनिधि-राहुल का रास्ता एक है !

उसका बाप मुख्यमंत्री है और उसका बाबा भी मुख्यमंत्री था। वह खुद मंत्री है। पूरा खानदान राजनीति का धंधेबाज है। इनकी राजनीति उत्तर-दक्षिण एवं द्रविड़-आर्य के भेद‌भाव पर टिकी है। वे राम-कृष्ण को अपना दुश्मन बताकर द‌क्षिण भारतीयों को गुमराह करते हैं। राष्ट्रद्रोह के लिए भड़काते हैं। सनातन धर्म को घातक रोग बता कर उसे नष्ट करने का अभियान चलाते हैं।

मद्रास हाई कोर्ट और सर्वोच्च न्यायालय ने इनकी हरकतों पर कड़ी फटकार लगाई है। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि सनातन धर्म पर अनर्गल प्रलाप करने से पहले इन्हें जानना चाहिये कि सनातन धर्म है क्या? जो धर्म मानवता का प्रचार करता हो और विश्व को एक कुटुम्ब मानता हो, उसे नष्ट करने का आह्वान या तो कोई पागल अथवा धूर्त ही कर सकता है।

ऐसे धूर्त एमके स्टालिन और उसके लम्पट पुत्र उदयनिधि से राहुल गांधी ने तमिलनाडु की 39 सीटों में कांग्रेस की हिस्सेदारी मांगी हैं और डीएमके ने द‌या दिखाते हुए 10 सीटें देने का अहसान राहुल पर लाद दिया।

डीएमके और राहुल में यह दोस्ताना क्यों है? उदयनिधि ने राम को अपना शत्रु बताया तो कांग्रेस ने पहले ही राम के अस्तित्व को नकार दिया था। तुष्टीकरण के उद्देश्य से ही कांग्रेस ने राममन्दिर प्राणप्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार किया। उदयनिधि ने भारत को उपमहाद्वीप बताकर पृथक तमिल देश की बात कही तो राहुल ने भारत को एक राष्ट्र न हो कर राज्यों का समूह बता दिया। भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा-अल्लाह इंशा-अल्लाह के नारे लगाने वालों की कतार में खड़ा हो गया। अमेठी से भाग कर वायनाड जाने पर उत्तर भारतीयों को कम समझ वाले बताने लगा।

एमके स्टालिन, उदयनिधि, राहुल गांधी ऐसे गिरोह के सदस्य हैं जो अपनी-अपनी राजनीतिक दुकानें चलाना तो चाहते हैं, यह कह कर कि वे अपनी दुकान में मोहब्बत बेचते हैं किन्तु असल में देशद्रोह की नफरत बेचते हैं। देश की सम्प्रभुता, अखंडता, एकता के विरुद्ध इनका बड़ा षड्यंत्र सामने आ गया है। भारत के जागरूक नागरिक उत्तर-दक्षिण, आर्य अनार्य, हिन्दी-तमिल का भेद मिटा कर एक सबल, समृद्ध ‌भारत के निर्माण में जुटे हैं। यह अभियान सफल होगा। देश तोड़ने वाले नाकाम होंगे।

गोविन्द वर्मा
संपादक ‘देहात’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here