एकनाथ शिंदे का उद्धव करारा जवाब, कहा- ढाई साल से विधायकों के लिए बंद थे दरवाजे

मुंबई। महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक के बीच शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी गई चिट्ठी जारी है। जिसमें उन्होंने विधायकों की भावनाओं का उल्लेख किया है। एकनाथ शिंदे ने कहा कि कल वर्षा बंगले के दरवाजे सचमुच जनता के लिए खोल दिए गए। बंगले पर भीड़ देखकर खुशी हुई। पिछले ढाई साल से शिवसेना के विधायक और हमारे लिए ये दरवाजे बंद थे। 

चिट्ठी में कहा गया कि विधायक बनकर भी हमें बंगले में प्रवेश करने के लिए आपके आस-पास मौजूद लोगों से विनती करनी पड़ती थी। विधान परिषद और राज्यसभा के लिए हमारे बलबूते जीतकर आने वाले लोग आपके आस पास एकत्रित हो गए थे, उनसे बंगले में प्रवेश करने के लिए विनती करनी पड़ती थी।

बयान में कहा गया कि तथाकथित चाणक्य आपके आसपास एकत्रित हुए हैं, उन्होंने हमें दूर रखकर राज्यसभा और विधान परिषद की रणनीति तैयार की और उसका क्या परिणाम हुआ इसे महाराष्ट्र ने 10 तारीख को देखा है। शिवसेना विधायक के रूप में हमें कहा गया कि मुख्यमंत्री मंत्रालय की छठी मंजिल पर वहां पर मिल सकते हैं, लेकिन आप वहां पर कभी नहीं मिले क्योंकि आप कभी मंत्रालय में नहीं गए।

चिट्ठी में कहा गया कि निर्वाचन क्षेत्र के कार्य के लिए और अन्य प्रश्नों के लिए मुख्यमंत्री साहब से मिलने के कई अनुरोधों के बाद भी वर्षा में बुलाकर सड़क पर कई घंटों के लिए खड़ा किया जाता था। इसके बाद हम फोन भी करते थे तो कोई उन्हें उठाता नहीं है। ऐसे में हम वहां से निकल जाते थे। 

आपको बता दें कि शिवसेना के बागी विधायक संजय शिरसाट ने यह चिट्ठी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी। जिसे एकनाथ शिंदे ने जारी किया। जिसमें उन्होंने कहा कि ये विधायकों की भावना है… चिट्ठी में लिखा गया कि हमारा सवाल यह है कि तीन से चार लाख मतदाताओं में से चुने गए हमारे स्वयंभू विधायकों के साथ ऐसा अपमानजनक व्यवहार क्यों किया जाता है। ये सारी उम्मीदें हम सभी विधायकों ने पूरी की हैं। इस दौरान हमारे साथ आदणीय एकनाथ शिंदे साहब का दरवाजा हमारे लिए हमेशा खुला रहा और उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र से लेकर अन्य तमाम परेशानियों के बारे में उन्होंने सुना।

अयोध्या यात्रा पर उठाया सवाल 

चिट्ठी में कहा गया कि ऐसे में सभी विधायकों के अनुरोध पर एकनाथ शिंदे ने यह कदम उठाया। इस दौरान आदित्य ठाकरे की अयोध्या यात्रा को लेकर भी सवाल खड़ा किया गया। चिट्ठी में कहा गया कि क्या हिंदुत्व, अयोध्या, राम मंदिर शिवसेना के मुद्दे हैं ? तो जब आदित्य ठाकरे अयोध्या गए तो आपने हमें अयोध्या जाने से क्यों रोका? आपने खुद कई विधायकों को फोन कर अयोध्या नहीं जाने की बात कही थी। 

चिट्ठी में कहा गया कि मैं और मेरे कई साथी जो मुंबई हवाई अड्डे से अयोध्या के लिए निकले थे, उनके सामान की जांच की गई। जैसे ही हम विमान में सवार होने वाले थे आपने एकनाथ शिंदे को फोन किया और उनसे कहा कि विधायकों को अयोध्या न जाने दें। ऐसे में एकनाथ शिंदे साहब ने तुरंत हमें बताया कि मुख्यमंत्री साहब ने फोन कर विधायकों को अयोध्या न जाने के लिए कहा था। जिसके बाद हम अपने घर वापस लौट गए।

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