यूएन: अनुच्छेद 370 हटाना ऐतिहासिक कदम- अजातशत्रु

संयुक्त राष्ट्र में महाराजा हरि सिंह के पोते और भाजपा के वरिष्ठ नेता एमके अजातशत्रु सिंह ने अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेज 370 को निरस्त करने के भारत सरकार के साहसिक फैसले की सराहना की। गौरतलब है कि महाराजा हरि सिंह के पोते अजातशत्रु, जिन्होंने 1947 में भारत के साथ क्षेत्र के विलय की संधि पर हस्ताक्षर किए थे, ने पाकिस्तान के कब्जे में रहने वाले लोगों की दुर्दशा के लिए अपनी गहरी चिंता व्यक्त की और संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप की मांग की।

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में दर्ज की गिरावट
शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में दिए अपने संबोधन में भाजपा के वरिष्ठ नेता एमके अजातशत्रु ने कहा कि 2019 में संवैधानिक सुधारों के बाद से क्षेत्र में आतंकवादी घटनाओं में गिरावट दर्ज की गई है। 2004 से 2014 तक जम्मू-कश्मीर में कुल 7,217 आतंकवादी घटनाएं हुईं हालांकि, सुधारों के कारण आतंकवादी घटनाओं में 70 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है। यह सुधार क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल करने में सरकार के कार्यों की प्रभावशीलता को रेखांकित करता है।

At United Nations, Maharaja Hari Singh's grandson hails Indian government's decision to abrogate Article 370

बुनियादी ढांचे के विकास में क्षेत्र में हुआ विकास
अजातशत्रु ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में जम्मू और कश्मीर ने बुनियादी ढांचे के विकास में उल्लेखनीय क्रांति दर्ज की गई है, जिसमें नए मेडिकल कॉलेजों, सुरंगों, रेलवे लाइनों और नागरिक बुनियादी ढांचे शामिल है। अविभाजित जम्मू-कश्मीर के राजा करण सिंह के बेटे ने कहा कि ये प्रगति क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए हासिल की गई है।

‘पाकिस्तान द्वारा कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर पर दें ध्यान’
पूर्व मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र से पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के लोगों की स्थिति को सुधारने के लिए सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के मुताबिक ठोस कदम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उनकी शिकायतों का समाधान करें और यह सुनिश्चित करे कि उनके मौलिक अधिकारों को बरकरार रखा जाए। हालांकि, यह स्वीकार करना आवश्यक है कि जम्मू-कश्मीर के सभी हिस्सों को समान रूप से लाभ नहीं हुआ  है।

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