गुमनाम सेनानियों का योगदान भी सामने आना चाहिए- राष्ट्रपति
देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने वाले हैं। हम आजादी के अमृत महोत्सव मना रहे हैं। दो साल तक चलने वाले इस महोत्सव में गुमनाम सेनानियों को सामने लाने का प्रयास होगा। नानाजी पेशवा, लक्ष्मीबाई के योगदान को तो सभी जानते हैं मगर मैनावती और अजीजन बाई के बलिदान से लोग परिचित नहीं हैं। जय देव कपूर और शिव वर्मा के बारे में लोग कम जानते हैं। न जाने कितने गुमनाम हैं जिन्होंने देश की आजादी के लिए जान गवां दी। ऐसे सेनानियों के योगदान भी सामने आने चाहिए।
आज भी प्रेरणा देती है हरमोहन सिंह बात- राष्ट्रपति
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि चौधरी हरमोहन सिंह मुझे कहा करते थे कि क्षेत्र का विकास न हो रहा हो तो शिक्षण संस्थान खोल देने चाहिए। बच्चे शिक्षित होंगे तो भविष्य में विकास जरूर होगा। चौधरी साहब ने वही किया।
कहा कि हरमोहन सिंह और मुझे साथ काम करने का मौका मिला। ट्रेनों में साथ-साथ यात्राएं कीं। घर का खाना और पकवान लाते थे। बर्थ में बैठे सभी को खिलाते थे। उन्हें इस बात से मतलब नहीं था कि कोई परिचित है या नहीं। वे कहते थे साथ वाला व्यक्ति जान पहचान का भले न सही मगर हमसफर है। यह बात मुझे आज भी प्रेरणा देती है।
चौधरी सुखराम सिंह के परिजनों मिले राष्ट्रपति
चकेरी से राष्ट्रपति शौर्य चक्र विभूति स्वर्गीय चौधरी हरमोहन सिंह यादव के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने के लिए पहुंचे। कार्यक्रम का आयोजन मेहरबान सिंह का पुरवा स्थित चौधरी हर मोहन सिंह पैरामेडिकल सांइस एण्ड नर्सिंग इन्स्टीट्यूशन में हो रहा है।
चौधरी हर मोहन सिंह यादव राज्य सभा सदस्य सुखराम सिंह यादव के पिता हैं। मेहरबान सिंह का पुरवा में हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद राष्ट्रपति संस्थान में बने अतिथि ग्रह में पहुंचे। वहां पर चौधरी सुखराम सिंह यादव के परिजनों से मुलाकात की। करीब 10 मिनट तक मुलाकात के बाद राष्ट्रपति अब मंच पर पहुंच चुके हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो दिन के प्रवास पर कानपुर पहुंचे। बुधवार सुबह 11:07 बजे उनका विमान एयर फोर्स स्टेशन पहुंचा। उनके पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उनके स्वागत के लिए पहुंचीं।
राष्ट्रपति यहां करीब 10 मिनट रुके। इस दौरान कैबिनेट मंत्री सतीश महाना, नीलिमा कटियार, मेयर प्रमिला पांडे, एमएलसी अरुण पाठक, विधायक महेश त्रिवेदी, दक्षिण जिलाध्यक्ष बीना आर्या पटेल, सुनील बजाज समेत करीब 16 लोगों ने राष्ट्रपति का स्वागत किया।
इसके बाद राष्ट्रपति मेहरबान सिंह पुरवा के लिए रवाना हो गए। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एयरफोर्स स्टेशन से राष्ट्रपति से मिलकर लखनऊ वापस लौट गईं। राष्ट्रपति के आगमन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।