पुलिस ने जंतर-मंतर पर किसानों का प्रदर्शन कराया खत्म, यूपी-हरियाणा के किसानों को सीमा पर ही रोका

  • किसानों ने की नारेबाजी, लाठीचार्ज के खिलाफ 5 को बरवाला में बुलाई महापंचायत
  • कुछ किसान हिरासत में लिए तो भाकियू प्रदेशाध्यक्ष रत्नमान समेत किसानों ने एथनिक इंडिया में काले कपड़े पहनकर दिया धरना
  • भाजपा की कमेटी ने धनखड़ को सौंपी रिपोर्ट, चढूनी ने कहा- दिल्ली में कृषि मंत्री से मिलाने काे बुलाया

केंद्र सरकार के 3 अध्यादेशों के खिलाफ सोमवार को भारतीय किसान यूनियन ( टिकैत ) के आह्वान पर हरियाणा और यूपी के किसानों ने जंतर-मंतर की तरफ कूच किया। कुंडली, नरेला और यूपी बोर्ड की तरफ दिल्ली गेट पर दिल्ली पुलिस ने रोक दिया। नरेला में कुछ किसान हिरासत में लिए। इसके विरोध में हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष रतन सिंह मान के नेतृत्व में किसानों ने राई एथनिक इंडिया रेस्ट हाउस में काले कपड़े पहनकर धरना दिया और उनकी रिहाई के बाद धरना खत्म किया गया। वहीं दिल्ली गेट पर भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश से आए किसानों ने शाम तक धरना दिया।

भाकियू टिकैत के प्रदेशाध्यक्ष रतन मान के नेतृत्व में पानीपत, करनाल, जींद, गोहाना व सोनीपत के किसान कुंडली बॉर्डर पर पहुंचे। जैसे ही किसान दिल्ली में प्रवेश करने लगे तो दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोक दिया। जब किसानों ने इसका कारण पूछा तो दिल्ली पुलिस ने कोरोना व धारा 144 का हवाला दिया। जिस कारण उन्हें दिल्ली में प्रवेश नही करने दिया। 24 किसानों को नरेला थाना में हिरासत में लिया गया। हालांकि उन्हें शाम को रिहा कर दिया। मान ने कहा कि भाजपा सरकार ने निहत्थे व शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे किसानों पर लाठी चलवाई। कई किसानों की हडि्डयां तोड़ी गई।

भाकियू ने विज, धनखड़ और दुष्यंत पर लगाए राजनीति करने के आरोप

गृहमंत्री अनिल विज व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अलग- अलग बयानबाजी कर रहे हैं। सरकार के इशारे पर बर्बरता हुई है। इसका जवाब किसान को देना आता है। 5 अक्टूबर को बरवाला में महापंचायत है। उसमें आर-पार का फैसला लेंगे। किसान सरकार से एमएसपी निर्धारित करने, किसान की फसल खरीद गारंटी व पैसे सुरक्षित की मांग कर रही है।

सरकार के तीनों अध्यादेशों से पूंजीपतियों व बाजारीकरण को बढ़ावा मिलेगा। जब दूसरी पार्टियों की सरकार थी तो भाजपा नेता ओपी धनखड़ किसान यात्रा निकालते थे। अब वे किसानों के मुद्दे पर चुप्पी साधे हैं। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ट्रैक्टर रैली निकालते हुए संसद तक जाते थे। किसान का बेटा बताने वाले लाठीचार्ज पर राजनीति कर रहे हैं।

चंद्रा ने विचार के लिए पीएम को लिखा पत्र

केंद्र सरकार के तीन अध्यादेशों को लेकर हरियाणा में मचे बवाल के बीच राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को पत्र लिखकर इन पर दोबारा विचार करने की मांग की है। किसान व व्यापारियों से विचार करके आगे कोई फैसला लिया जाए। चंद्रा ने तीन नए अध्यादेश को वापस लेने की मांग को केंद्र सरकार तक पहुंचाने की अपील की है।

रिपोर्ट लेकर आज केंद्रीय मंत्री से मिलेंगे धनखड़

पिपली लाठीचार्ज के बाद बनाई तीन सांसदों की कमेटी ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ को रिपोर्ट सौंप दी है। दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में सदस्यों के साथ धनखड़ ने चर्चा की। धनखड़ मंगलवार को कृषि मंत्री जेपी दलाल और समिति के तीनों सदस्य धर्मवीर सिंह, नायब सैनी व बृजेंद्र सिंह के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से मुलाकात करेंगे।

साथ ही उन्हें पूरी रिपोर्ट भी सौंपेंगे। बता दें कि समिति की ओर से रोहतक, करनाल और पंचकूला में हरियाणा के कई किसान संगठन, किसान नेताओं और कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों से बात कर अध्यादेशों पर सुझाव लिए और विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है।

इधर, सरकार ने किसानों को बातचीत का न्योता दिया है। भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने सोशल मीडिया पर वीडियाे जारी कर जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सांसद धर्मवीर सिंह ने पत्र भेजा है। जिसमें कहा कि मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री से उनकी मुलाकात कराई जाएगी। यह पहले दौर की बातचीत है। इसलिए आंदोलन, धरने जारी रहेंगे।

हुड्‌डा और अभय ने फिर सरकार को घेरा

पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्‌डा ने कहा कि सरकार की नीतियों, टिड्डियों, बारिश व ओलावृष्टि से फसलों में बीमारी लगी है। वो मुआवजे की मांग कर रहे हैं। सरकार एक के बाद एक हो रहे खराबे के बाद भी मुआवजा देने को तैयार नहीं है। दूसरी ओर इनेलो विधायक अभय चौटाला ने कहा कि गृहमंत्री का लाठीचार्ज नहीं होने का बयान निंदनीय है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार है जब सत्ता बैठे हुए लोग जांच की मांग कर रहे हैं।

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