यूपी: खतरे के निशान से 53 सेमी ऊपर पहुंचा सरयू नदी का पानी

अयोध्‍या में सरयू नदी का पानी इस सत्र के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार यह खतरे के निशान से 53 सेमी ऊपर पहुंच गया है। उधर, बस्‍ती के छह संवेदनशील बंधों पर सरयू नदी के पानी का दबाव बढ़ गया है। बाढ़ खंड के कर्मचारी और प्रशासनिक अधिकारी लगातार बाढ़ और बंधे पर नजर बनाए हुए हैं। नदी और बंधे के बीच डेढ़ दर्जन गांव पानी से घिर गए हैं, जहां के लोगों को आने-जाने से लेकर कई प्रकार की दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। 

सरयू का जल स्तर बढ़ने से अति संवेदनशील तटबंध कटरिया-चांदपुर, गौरा-सैफाबाद तटबंध पर पानी का तेज दबाव बना हुआ है। तटबंध और नदी के बीच बसे करीब एक दर्जन गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरीके से घिर गए हैं। प्रशासन की मदद के नाम पर अभी तक बाढ़ पीड़ितों को कोई सहायता नहीं मिली है। बाढ़ खंड विभाग संवेदनशील स्थलों की निगरानी में लगा हुआ है। मंगलवार को एसडीएम हर्रैया न्यायिक अतुल आनंद एवं तहसीलदार इंद्रमणि त्रिपाठी ने अति संवेदनशील तटबंध कटरिया चांदपुर का निरीक्षण कर राजस्व निरीक्षकों को बाढ़ ग्रस्त गांव में तत्काल सहायता मुहैया कराने का निर्देश दिया। बाढ़ खंड के एसडीओ जितेंद्र कुमार ने बताया कि लगातार प्रबंधों पर निगरानी की जा रही है।

बाढ़ ग्रस्त गांव की दुश्वारियां बढ़ीं
सरयू नदी के उफान के कारण नदी और तटबंध के बीच बसे गांव ग्रामीणों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। प्रशासन की तरफ से अभी तक तीन गांव के लोगों के लिए कोई मदद नहीं मिल पाई है। बाढ़ से घिरे गांव सुविखा बाबू गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरीके से गिर गया है। वहीं बिशुनदासपुर की दलित बस्ती, टेढवा, भूअरिया भी बाढ़ के पानी से पानी से पूरी तरीके से गिर गए हैं। सबसे अधिक परेशानी सुविखा बाबू गांव के ग्रामीणों को हो रही है। यहां के लोग करीब तीन किलोमीटर पानी से होकर तटबंध पर पहुंच रहे हैं। प्रशासन की तरफ से अभी तक नाव नहीं लगाई गई है। 

प्रशासन दावा कर रहा है कि ग्रामीणों की सुविधा के लिए चार नावे लगाई गई हैं। गांव के लोगों का कहना है कि पिछले वर्ष करीब एक माह से अधिक नावे चली थी लेकिन तहसील प्रशासन के तरफ से हम लोगों को पैसा नहीं मिला है। मंगलवार कि सुबह सुविखा बाबू गांव जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम नाव का इंतजार करती रही लेकिन दोपहर दो बजे तक स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में नहीं पहुंच पाई थी। 

विक्रमजोत ब्लॉक के चार गांव मैरूंड
सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से विक्रमजोत विकास खण्ड के चार गांव कल्यानपुर, भरथापुर, पड़ाव व चांनपुर मैरुण्ड हो गये हैं। दो दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। केंद्रीय जल आयोग का अनुमान है कि अपस्ट्रीम का जलस्तर कम होना शुरू हो गया है। विकास क्षेत्र के कवलपुर, चानपुर, संदलपुर, छतौना, कन्हईपुर, नरसिंहपुर, खेमराजपुर, अइलिया जुग्गाराय, शम्भूपुर सहित दर्जन भर गांव में पानी भरने लगा है। मांचा, रिधौरा, हैदराबाद सहित गांवों के सिवान में पहुंच गया है। कल्यानपुर में लाल बहादुर, संवारी देवी, रामचरन, रामतेज व भरथापुर में फागू आदि के घरों में बाढ़ का पानी भर गया है।

पशु चारे का संकट
विक्रमजोत विकास खंड क्षेत्र के नदी के तटवर्ती गांव में पशुपालकों को पशु चारे के संकट का सामना करना पड़ रहा है। बाढ आते ही पशुपालकों को पशुपालन विभाग की तरफ से भूसा का वितरण किया जाता था। इस बार भी कल्याणपुर, भरथापुर, बाघानाला, फूलडीह, संदलपुर के पशुपालक प्रशासन से भूसा की आस लगाए हैं। इस संबंध में राजकीय पशु चिकित्सालय के चिकित्सा प्रभारी डॉ. राम मूर्ति वर्मा ने बताया कि अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई निर्देश नहीं मिला है।

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