सुप्रीम कोर्ट में पीएफ घोटाले मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को

उत्तर प्रदेश में करोड़ों रुपये के भविष्‍य निधि  घोटाला मामले में आरोपी पावर कारपोरेशन लिमिटेड  के पूर्व एमडी अयोध्या प्रसाद मिश्रा की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट  ने नोटिस जारी कर दो हफ़्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी. कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि अभी तक इस मामले में हज़ारों करोड़ रुपये की राशि रिकवर नहीं हुई है. वहीं अयोध्या प्रसाद के वकील ने कोर्ट में कहा कि अयोध्या प्रसाद मिश्रा एक वरिष्ठ नागरिक है और उनको स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या भी हैं. इस तर्क को काटते हुए ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा जिस समय घोटाला हुआ था उस समय भी वो वरिष्ठ नागरिक ही थे और उनको बीमारियां थीं.

बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के पूर्व एमडी अयोध्या प्रसाद मिश्रा को सशर्त जमानत दी थी. इस जमानत याचिका को मंजूर करने से पहले हाईकोर्ट ने अप्रैल 2020 में मिश्र की पहली याचिका को खारिज कर दिया था, लेकिन उन्हें उनके बुढ़ापे और खराब स्वास्थ्य की स्थिति के लिए हाईकोर्ट के समक्ष नई याचिका दायर करने की अनुमति दी थी. इस आदेश के अनुसार मिश्र ने हाईकोर्ट में दूसरी जमानत याचिका दायर की थी. जिसको कोर्ट ने अप्रूव करते हुए उन्हे सर्शत जमानत दे दी थी.

ये हैं यूपीपीसीएल पीएफ घोटाला

यूपीपीसीएल के हजारों कर्मचारियों के भविष्य निधि का करोड़ों रुपया बैंक से निकालकर खस्ताहाल कंपनी डीएफएचएल में निवेश कर दिया गया था. योगी सरकार ने इस घोटाले की जांच के लिए पहले एसआईटी गठित की थी. बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था.सीबीआई ने साल 2020 मार्च में 4323 करोड़ रुपये के इस घोटाले में अपनी जांच शुरू की और यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी अयोध्या प्रसाद मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया था.

अयोध्या प्रसाद मिश्रा बताए जाते हैं अखिलेश यादव के करीबी

यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी रहे एपी मिश्रा को मुलायम सिंह और अखिलेश यादव का करीबी बताया जाता है. 2012 में अखिलेश सरकार बनते ही एक आईएएस की जगह एक इंजीनियर एपी मिश्रा को यूपीपीसीएल का प्रबंध निदेशक बनाया गया था. एपी मिश्रा पूर्वाचल व मध्यांचल के भी एमडी रहे हैं. उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद तीन बार सेवा विस्तार भी मिला था.

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