आगरा। आगरा में सामने आए धर्मांतरण मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। जांच एजेंसियों को शक है कि इस पूरे नेटवर्क के पीछे पाकिस्तान से जुड़े तनवीर अहमद और साहिल अदीब नामक दो सोशल मीडिया एक्टिविस्ट्स का हाथ हो सकता है। हालांकि दोनों के नाम फर्जी भी हो सकते हैं, इस पर जांच जारी है।
जानकारी के अनुसार, ये दोनों व्यक्ति उस वॉट्सऐप ग्रुप के एडमिन हैं जिसमें 100 से ज्यादा हिंदू लड़कियों को जोड़ा गया था। आरोप है कि इन सभी का धर्म परिवर्तन कराया गया। पुलिस ने मामले में एक महिला डॉक्टर को हरियाणा के झज्जर से बरामद किया है, जिसकी शादी धर्मांतरण के बाद कराई गई थी।
कट्टरपंथी बनाने की सोची-समझी रणनीति
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कई लड़कियां इस कदर कट्टरपंथ से प्रभावित हो चुकी हैं कि परामर्श (काउंसलिंग) का भी उन पर कोई असर नहीं हो रहा। इन युवतियों को इस्लामी शिक्षा देने और धार्मिक रूपांतरण के लिए जम्मू-कश्मीर की कुछ महिलाओं के एक समूह को जिम्मेदारी दी गई थी। धर्म बदलने वाली युवतियों को ‘रिवर्टी’ कहा जाता था।
बताया गया है कि धर्म और नमाज की ऑनलाइन क्लासेज जूम लिंक के जरिए कराई जाती थीं। साथ ही टारगेटिंग के लिए सोशल मीडिया और गेमिंग एप का इस्तेमाल किया जाता था।
पीड़िता ने दिए चौंकाने वाले बयान
झज्जर से बरामद की गई महिला डॉक्टर ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसकी मुलाकात एक युवती आयशा से मार्केटिंग के काम के दौरान हुई थी। आयशा ने उसे इस्लाम धर्म के बारे में जानकारी देना शुरू किया और फिर उसे धर्म बदलने के लिए प्रेरित किया गया। बाद में उसका निकाह भी कराया गया।
पुलिस की जांच तेज, गिरफ्तारी की संभावना
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस जांच को तेज कर चुकी है। अधिकारियों के अनुसार, इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भी जल्द गिरफ्तारी की जा सकती है। पुलिस यह भी बता रही है कि जिन लड़कियों को बरामद किया गया है, उनकी काउंसलिंग कराई जा रही है, लेकिन कुछ युवतियों पर इसका कोई असर नहीं हो रहा, जिससे उनकी मानसिक स्थिति को लेकर चिंता बढ़ रही है।