देश में हलाल सर्टिफिकेट वाले उत्पादों को लेकर विवाद और अपीलों के बीच अलीगढ़ का हलाल सर्टिफाइड मीट निर्यात कारोबार लगातार रिकॉर्ड तोड़ रहा है। सालाना मीट निर्यात का कारोबार अब 7000 करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया है, जबकि पिछले चार वर्षों में इसमें करीब 2000 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की गई है।
अलीगढ़ में कुल सात बड़ी एक्सपोर्ट यूनिट सक्रिय हैं, जिनमें एलाना और फेयर एक्सपोर्ट देश की सबसे बड़ी मीट निर्यातक कंपनियों में शामिल हैं।
10 देशों में आपूर्ति
अलीगढ़ से हलाल मीट का निर्यात वियतनाम, मिस्र, इराक, ईरान, दुबई, सऊदी अरब, मलेशिया और इंडोनेशिया सहित कुल 10 देशों में किया जा रहा है। वियतनाम अलीगढ़ का सबसे बड़ा आयातक है, जहां से इसे आगे चीन भेजा जाता है।
सर्दियों में बढ़ती मांग
मीट निर्यात में सामान्यतः जुलाई के बाद तेजी आती है और ठंड के मौसम में इसकी मांग सबसे अधिक रहती है। निर्यात किए जाने वाले मीट की कीमत उसके प्रकार और परिवहन के आधार पर अलग-अलग होती है। फ्रोजन मीट समुद्री जहाज से 280-290 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से भेजा जाता है। वहीं कोल्ड मीट (चिल्ड) हवाई मार्ग से निर्यात होने के कारण लगभग 400 रुपये प्रति किलोग्राम में विदेश भेजा जाता है। (इन कीमतों में भाड़ा और अन्य परिवहन खर्च अलग से जोड़े जाते हैं।)
पांच साल का व्यापार विकास
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2020-21: 5000 करोड़ रुपये
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2021-22: 5609 करोड़ रुपये
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2022-23: 6687 करोड़ रुपये
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2023-24: 7000 करोड़ रुपये
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2024-25 (सितंबर तक): 5500 करोड़ रुपये; मार्च तक अनुमानित: 7200 करोड़
अधिकारी क्या कहते हैं
अलीगढ़ मंडल के मंडलीय उपायुक्त खाद्य सुरक्षा अजय जायसवाल ने बताया कि नवंबर 2023 में प्रदेश सरकार ने शासनादेश जारी किया था। इसके अनुसार, घरेलू बाजार में हलाल उत्पादों की बिक्री पर रोक रहेगी, लेकिन निर्यात के लिए हलाल सर्टिफिकेट वैध रहेगा। अलीगढ़ का मीट निर्यात इस सर्टिफिकेट के साथ ही किया जाता है और इसे सरकार द्वारा अधिकृत संस्थाएं जारी करती हैं।