गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद जिलों में बुधवार, 1 अगस्त को भूकंप और औद्योगिक आपदा से बचाव के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। इस दौरान लोगों को सायरन की आवाज सुनाई दे सकती है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और सहयोग करें।
यह मॉक ड्रिल जिले के पांच अलग-अलग स्थानों पर एक साथ आयोजित होगी, जिसमें पुलिस, एनडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग, अग्निशमन सेवा, नगर पालिका, यातायात पुलिस, होमगार्ड सहित तमाम आपातकालीन सेवाएं शामिल होंगी।
ड्रिल की पूर्व संध्या पर जिलाधिकारी मेधा रूपम ने कलेक्ट्रेट में बैठक कर सभी विभागों की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी टीमें समय से अपने-अपने स्थान पर पहुंचें और रूट मैप, संचार व्यवस्था, एंबुलेंस और बचाव उपकरणों सहित सभी जरूरी संसाधन सुनिश्चित करें। उन्होंने लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
स्कूली बच्चों की भी भागीदारी
प्रशासन द्वारा ड्रिल के सफल संचालन के लिए पांच इंसीडेंट कमांडर नियुक्त किए गए हैं, जो现场 पर टीमों के बीच समन्वय स्थापित करेंगे और आपात स्थिति में प्रतिक्रिया प्रणाली की जांच करेंगे। इस अभियान में स्कूली बच्चों को भी शामिल किया गया है ताकि उन्हें आपदा की स्थिति में सुरक्षित बाहर निकलने और आत्मरक्षा के तौर-तरीकों का प्रशिक्षण दिया जा सके।
भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र
जिला आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर जिला भूकंप के जोन-4 क्षेत्र में आता है, जहां 4.5 तीव्रता का भूकंप भी गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। इसी कारण समय-समय पर आपदा से जुड़े अभ्यास और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
गाजियाबाद में भी मॉक ड्रिल
ग्रेटर नोएडा के साथ-साथ गाजियाबाद में भी मॉक ड्रिल की जा रही है। इसका उद्देश्य आपदा से निपटने की व्यवस्थाओं की पड़ताल करना और विभागों के बीच तालमेल की क्षमता को परखना है।