सुप्रीम कोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन के भव्य कॉरिडोर निर्माण के लिए मंजूरी दे दी है। न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को मंदिर के कोष से 500 करोड़ रुपये जमीन खरीदने की अनुमति दी है, बशर्ते खरीदी गई जमीन मंदिर ट्रस्ट के नाम पर हो। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस प्रस्ताव को खारिज किया था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इसे मंजूरी दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐतिहासिक मंदिरों को उचित संरक्षण और रखरखाव की जरूरत होती है। साथ ही, मंदिर के रिसीवर वैष्णव संप्रदाय से होना चाहिए, जिनके पास प्रशासनिक अनुभव और धार्मिक ज्ञान हो। कोर्ट ने मथुरा के सिविल जज को ऐसे रिसीवर नियुक्त करने का आदेश दिया है और प्रशासन तथा अधिवक्ताओं को मंदिर प्रबंधन से अलग रखने को कहा है।
भव्य कॉरिडोर मंदिर के आसपास की लगभग 5 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा। सरकार मंदिर के फिक्स्ड डिपॉजिट से यह जमीन खरीदेगी, लेकिन जमीन का अधिकार मंदिर के पास ही रहेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि यह कदम मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ को नियंत्रित करने और उनकी सुविधाओं के लिए उठाया गया है। रोजाना 40,000 से 50,000 श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, जबकि त्योहारों पर यह संख्या पांच लाख से भी अधिक हो जाती है। राज्य सरकार मंदिर के प्रबंधन में सीधे तौर पर शामिल नहीं होना चाहती, बल्कि सिर्फ भक्तों के बेहतर प्रबंधन पर ध्यान दे रही है।