मेरठ जिले के गांव पस्तरा निवासी 20 वर्षीय ललित कुमार की जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में ड्यूटी के दौरान बारूदी सुरंग की चपेट में आने से शहादत हो गई। शुक्रवार को हुए इस हादसे के बाद रविवार को उनका पार्थिव शरीर गांव लाया गया, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
शहीद ललित की शहादत की खबर से गांव में शोक की लहर दौड़ गई। रविवार सुबह करीब 11 बजे सेना के जवान जब उनका पार्थिव शरीर लेकर पहुंचे, तो परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मां सरोज का विलाप देख हर आंख नम हो गई। ग्रामीण महिलाएं उन्हें ढांढस बंधाती रहीं, लेकिन मां का एक ही सवाल था—"मेरा लाल मुझे लौटा दो।"
हजारों ग्रामीणों ने दी अंतिम विदाई
अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीण, जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और सेना के जवान शामिल हुए। युवाओं ने तिरंगा लेकर "भारत माता की जय" और "ललित कुमार अमर रहें" के नारों के साथ शहीद को विदाई दी। रास्ते में ग्रामीणों ने अपने घरों से पुष्पवर्षा कर श्रद्धांजलि अर्पित की। श्मशान घाट पर सांसद, विधायक, सेना और पुलिस अधिकारियों समेत अनेक गणमान्य लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया और बड़े भाई कुलदीप ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस मौके पर डीएम डॉ. विजय कुमार सिंह, एसएसपी डॉ. विपिन ताडा, सीओ संजय जायसवाल, सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान, पूर्व सांसद डॉ. सत्यपाल सिंह, विधायक गुलाम मोहम्मद, पूर्व विधायक जितेन्द्र सतवाई और अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
अक्टूबर 2023 में सेना में हुए थे भर्ती
ललित कुमार ने अक्टूबर 2023 में 'अग्निवीर योजना' के तहत भारतीय सेना की वर्दी पहनी थी। उन्होंने 12वीं की पढ़ाई जानी के सीएलएम इंटर कॉलेज से की थी। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उनकी पहली तैनाती पुंछ में हुई थी, जहां वह पिछले छह महीनों से सेवा दे रहे थे। नौ जुलाई को वह 15 दिन की छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर लौटे थे। किसी को अंदाजा नहीं था कि वह परिवार से आखिरी बार मिलकर जा रहे हैं।