मेरठ: मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने मंगलपांडे नगर स्थित अल्फा अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई उस आरोप के बाद की गई है जिसमें कहा गया कि लकवा ग्रस्त मरीज को पहले लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, फिर निजी अस्पताल में 20-25 हजार रुपये में इलाज का झांसा देकर शिफ्ट किया गया और अंततः 90 हजार रुपये से अधिक वसूले गए।

शिकायत के अनुसार, गाजियाबाद निवासी हरद्वारी लाल ने अपने लकवा ग्रस्त बेटे मुकेश कुमार को 15 नवंबर को मेडिकल कॉलेज में गंभीर हालत में भर्ती कराया। आरोप है कि 16 नवंबर को एंबुलेंस चालक तुषार ने मरीज को अल्फा अस्पताल में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया और 20-25 हजार रुपये में पूरा इलाज कराने का आश्वासन दिया। परिजनों का दावा है कि अस्पताल ने मरीज का हाल सुधरने के बावजूद 90 हजार रुपये से अधिक वसूले।

शिकायत के बाद सीएमओ की टीम ने 26 नवंबर को अस्पताल का निरीक्षण किया। जांच में पाया गया कि अस्पताल ने मरीज को मेडिकल कॉलेज से स्थानांतरित करने का कोई ठोस कारण नहीं दिया और न ही एंबुलेंस चालक की पहचान बताई। रिपोर्ट में अधिक वसूली, गलत बिलिंग और मरीज को बिना अनुमति रेफर करने जैसी गंभीर अनियमितताओं का उल्लेख किया गया।

सीएमओ डॉ. अशोक कटारिया ने मामले में मेडिकल थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई और अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किया। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी निजी अस्पताल को मरीजों से अवैध वसूली या गलत तरीके से रेफर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। संबंधित अधिकारियों को प्रकरण की गहन जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं और निलंबन के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।