मेरठ: न्यायालय अपर जिला कोर्ट संख्या-3 के न्यायाधीश जयेंद्र कुमार ने एमआईईटी कॉलेज में बीटेक द्वितीय वर्ष के छात्र निखिल तोमर की हत्या के मामले में चार छात्रों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषियों पर 54-54 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। यह वारदात करीब साढ़े तीन साल पहले हुई थी और छात्रों के दो गुटों के बीच एक महिला को लेकर चल रही वर्चस्व की जंग के दौरान हुई थी।

कोर्ट ने अभिषेक शर्मा (गली नंबर निवाड़ी रोड, मोदीनगर, गाजियाबाद), प्रिंस कुमार (इशापुरम, गंगानगर), आयुष त्यागी (नावला, थाना मंसूरपुर, मुजफ्फरनगर) और आदर्श (पोखर भिंडा, चौरा चौरी, गोरखपुर) को दोषी ठहराया। पुलिस ने अभिषेक शर्मा के कब्जे से चाकू भी बरामद किया था, जिसके लिए उसे आर्म्स एक्ट में भी दोषी पाया गया और एक वर्ष का कठोर कारावास तथा 1,000 रुपये का अर्थदंड लगाया गया।

घटना की जानकारी

13 अप्रैल 2022 को जानी थाना में मृतक के पिता सिद्धांत कुमार ने शिकायत दर्ज कराई थी। बताया गया कि निखिल तोमर एनएच-58 स्थित मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में बीटेक द्वितीय वर्ष का छात्र था। उसी दिन चारों आरोपियों ने कॉलेज परिसर में निखिल को घेरकर चाकू से हमला किया। घायल छात्र को पास के मेडिकल कॉलेज में ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

मुकदमे की सुनवाई

अपर जिला कोर्ट संख्या-3 में मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने पर्याप्त सबूत और गवाह पेश किए। मंगलवार को न्यायालय ने सभी उपलब्ध साक्ष्यों और पक्षकारों की दलीलों को ध्यान में रखते हुए चारों छात्रों को हत्या के आरोप में दोषी करार दिया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

वारदात की पृष्ठभूमि

जांच में पता चला कि हत्या से करीब एक महीने पहले एमआईईटी में छात्रों के दो गुटों के बीच एक छात्रा से छेड़छाड़ को लेकर वर्चस्व की जंग शुरू हुई थी। निखिल तोमर ने 12 अप्रैल 2022 को प्रतिद्वंद्वी छात्र आदर्श को थप्पड़ मारा था। इसके अगले दिन आरोपियों ने निखिल को कॉलेज में घेरकर चाकू से हमला किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में निखिल के शरीर पर गर्दन, कमर और पेट पर कुल नौ वार के निशान पाए गए।

जेल और हाईकोर्ट

सजा पाए चारों आरोपी बीते साढ़े तीन साल से जेल में हैं और उन्हें हाईकोर्ट से भी जमानत नहीं मिली। निखिल की हत्या के समय अभिषेक शर्मा बीटेक प्रथम वर्ष, प्रिंस कुमार तृतीय वर्ष, आयुष त्यागी द्वितीय वर्ष और आदर्श प्रथम वर्ष में अध्ययनरत थे।