मुरादाबाद। शहर में बीते कुछ दिनों से सांस और फेफड़ों की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिला अस्पताल और निजी क्लीनिकों में खांसी, गले में जलन और सांस फूलने की शिकायत लेकर मरीजों की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ गई है।

डॉक्टरों का कहना है कि मौसम में बदलाव, प्रदूषण और धूल के कणों के कारण यह स्थिति बनी है। वहीं, प्रदूषण नियंत्रण विभाग के समीर एप पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में सुधार दर्ज हो रहा है, जिससे आंकड़ों की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। विभाग के अनुसार, दिवाली की रात शहर का AQI 292 रहा, जबकि कुछ इलाकों में यह 464 तक पहुंच गया था। बाद में 24 घंटे का डेटा अचानक एप से गायब हो गया। गुरुवार को यह 166 दर्ज किया गया।

अस्पतालों में बढ़े मरीज, डॉक्टरों की चेतावनी
जिला अस्पताल के श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप वार्ष्णेय ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में सांस के मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह रुझान आगे भी जारी रह सकता है। आईएमए अध्यक्ष और फिजिशियन डॉ. सी.पी. सिंह ने कहा कि गुरुवार को ओपीडी में कई गंभीर मरीज पहुंचे, जिनमें कुछ को इंजेक्शन देना पड़ा। ज्यादातर मामले बुजुर्गों और बच्चों के हैं, जिनमें अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के लक्षण दिखाई दे रहे हैं।

चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. अमोल चंद्रा का कहना है कि दिवाली के बाद की खराब हवा और बढ़ती ठंड ने लोगों की इम्यूनिटी को कमजोर किया है। उन्होंने सांस के मरीजों को मास्क पहनने, घर पर व्यायाम करने और दवाओं का नियमित सेवन करने की सलाह दी।

इमरजेंसी में रोज भर्ती हो रहे पांच मरीज
जिला अस्पताल के इमरजेंसी रजिस्टर के अनुसार, पिछले चार दिनों से रोजाना पांच मरीज सांस की तकलीफ के चलते भर्ती हो रहे हैं। कुछ को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि सर्जिकल वार्ड में आईसीयू, सीपैप और एचएफएनसी मशीनों की व्यवस्था मौजूद है।

कंट्रोल रूम नंबर फिर बंद
इस बीच, जिला अस्पताल का कंट्रोल रूम नंबर एक बार फिर बंद हो गया है। अगस्त 2024 से यह तकनीकी खामी बार-बार सामने आ रही है। अब मरीजों या अन्य विभागों को जानकारी के लिए सीधे प्रभारी डॉक्टरों से संपर्क करना पड़ रहा है, जिससे आम लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

प्रदूषण नियंत्रण विभाग का दावा
प्रदूषण नियंत्रण विभाग के जिला इंचार्ज अनिल कुमार के अनुसार, दिवाली की रात पीएम 2.5 का स्तर 192.5 और पीएम 10 का स्तर 292 दर्ज किया गया था। आगामी आंकड़े जल्द जारी किए जाएंगे।

यह स्थिति सवाल खड़े करती है कि जब हवा “सुधरती” दिखाई दे रही है, तो फिर सांस के मरीजों की संख्या क्यों लगातार बढ़ रही है।