पुरकाजी। कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालु अनेक प्रकार की कांवड़ लेकर आते हैं, लेकिन एक शिवभक्त ऐसा भी है जो एक पैर से यात्रा कर रहा है। वर्ष 2018 में एक सड़क हादसे में अपना एक पैर गंवाने के बावजूद इस भक्त ने हिम्मत नहीं हारी। आज भी वह बिना किसी सहारे के, एक पैर पर हरिद्वार से दिल्ली की दूरी नाप रहा है।

दिल्ली के नगली डेरा निवासी गोलू पुत्र दलीप ने छह साल से लगातार कांवड़ यात्रा की है। लेकिन हादसे में एक पैर गंवाने के बाद यह उसकी दूसरी कांवड़ है। गोलू ने 11 जुलाई को हरिद्वार की हर की पौड़ी से अपनी यात्रा शुरू की और अकेले ही 250 किलोमीटर की कठिन राह पर निकल पड़ा।

गोलू का कहना है कि उसके जीवन में भोलेनाथ की कृपा हमेशा बनी रहती है। पैर खोने का दुख जरूर है, लेकिन उसमें कमी कभी नहीं आई। उसका विश्वास है कि जब मन में सच्ची आस्था हो, तो कोई भी मुश्किल राह आसान हो जाती है।

गोलू ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करता है। वह अपनी कांवड़ यात्रा पूरी कर गांव के मंदिर में जल चढ़ाएगा।