मुजफ्फरनगर। नगर के मीनाक्षी चौक पर मंगलवार को हिंदू युवा वाहिनी द्वारा “वाल्मीकि चौक” लिखे बैनर लगाने से माहौल तनावपूर्ण हो गया। घटना की जानकारी मिलते ही सिविल लाइन थाना पुलिस मौके पर पहुंची और तुरंत फ्लैक्सी उतरवाने की कार्रवाई की। पुलिस ने संगठन के पदाधिकारियों को बिना अनुमति इस तरह की गतिविधि दोहराने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
जानकारी के अनुसार, हिंदू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष योगेंद्र तोमर और कार्यकर्ता मीनाक्षी चौक सहित आसपास के तीन स्थानों पर “वाल्मीकि चौक” के बैनर लगाकर नारेबाजी कर रहे थे। उनका कहना था कि चौक का नाम वाल्मीकि समाज के सम्मान में बदला जाना चाहिए और वहां स्थायी बोर्ड लगाया जाए।
सूचना पर सिविल लाइन कोतवाली प्रभारी निरीक्षक आशुतोष कुमार पुलिस बल के साथ पहुंचे। उन्होंने समझाया कि किसी सार्वजनिक स्थल का नाम बदलने के लिए नगरपालिका या संबंधित प्राधिकरण से प्रस्ताव पारित और अनुमोदन आवश्यक है। बिना अनुमति बैनर या बोर्ड लगाना नियमों का उल्लंघन है। पुलिस ने बैनर उतरवाए और स्थिति को नियंत्रण में रखा। हालांकि, कार्रवाई के दौरान कुछ देर के लिए नोकझोंक भी हुई।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में इस तरह की गतिविधि दोहराई गई तो संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
मीनाक्षी चौक का पुराना विवाद
नगर में मीनाक्षी चौक का नाम बदलने को लेकर विवाद नया नहीं है। वर्ष 1996 में तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. सुभाष शर्मा के कार्यकाल में 32 सदस्यीय बोर्ड ने चौक का नाम “वीर अब्दुल हमीद चौक” रखने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया था। उस समय चौक पर वीर अब्दुल हमीद के नाम से फ्लैक्सी और बोर्ड लगाए भी गए थे, लेकिन बाद में वे क्षतिग्रस्त हो गए और चौक आज भी पुराने नाम से ही जाना जाता है।
डॉ. सुभाष शर्मा के अनुसार, उनके कार्यकाल में नगर के कई स्थानों का नामकरण हुआ था - जैसे अहिल्याबाई होल्कर चौक, महर्षि वाल्मीकि मार्ग, महाराजा अग्रसेन मार्ग और पं. मदन मोहन मालवीय रोड।