मुज़फ्फरनगर। शहर के खालापार क्षेत्र में शनिवार सुबह उत्तर प्रदेश एटीएस और आगरा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 28 वर्षीय अबू तालिब को हिरासत में लिया गया। अधिकारियों के मुताबिक, तालिब पर छह राज्यों में लड़कियों के धर्म परिवर्तन से जुड़े नेटवर्क से संबंध रखने का संदेह है। इस मामले में पूर्व में गिरोह के 10 लोग पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं।

हालांकि, परिवार ने सभी आरोपों को सिरे से नकारा है। बहन शफिया के अनुसार, अबू तालिब सिलाई, ड्राइविंग और दिहाड़ी का काम करता था और उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उन्होंने बताया कि शनिवार सुबह करीब 8:30 बजे पुलिस बिना किसी वारंट के घर में दाखिल हुई, उस समय टीम में कोई महिला पुलिसकर्मी भी मौजूद नहीं थी।

परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने घर की तलाशी के दौरान सामान बिखेरा, मोबाइल फोन जब्त कर लिए और कोई दस्तावेज या गिरफ्तारी से जुड़ी जानकारी नहीं दी। अबू तालिब की बुआ गुफराना ने बताया कि पुलिस पिछले दरवाजे से दाखिल हुई, जबकि तालिब अपनी बहन को दवा की दुकान छोड़ने की तैयारी कर रहा था। उन्होंने कहा, “अगर कुछ ही देर हो जाती तो वह घर पर नहीं होता।”

परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने धार्मिक ग्रंथों के साथ भी अनुचित व्यवहार किया और घर में रखी कुरान शरीफ को फर्श पर फेंक दिया गया। इसके साथ ही घर के सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग चिप भी जब्त कर ली गई और क्षेत्र के अन्य कैमरे बंद करा दिए गए।

जांच में आतंकी एंगल की भी संभावना
सूत्रों के अनुसार, मामले की गंभीरता को देखते हुए एजेंसियां संभावित आतंकी संबंधों की भी जांच कर रही हैं। रविवार को डीजीपी राजीव कृष्ण और आगरा पुलिस द्वारा संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में मामले से जुड़ी जानकारी साझा की गई।

वहीं, परिवार का कहना है कि उन्हें अबू तालिब से मिलने तक नहीं दिया जा रहा है और न ही उसकी कानूनी स्थिति की कोई जानकारी दी जा रही है। उन्होंने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और जल्द रिहाई की मांग की है।