मुजफ्फरनगर: नसीरपुर गांव में एक हिंदू परिवार को ईसाई धर्म में मतांतरण कराने का प्रयास किया गया। सूचना मिलते ही विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए और स्थिति को काबू में किया। हंगामा देख सहारनपुर से आए आरोपित पास्टर और उसके साथी फरार हो गए। पुलिस ने पीड़ित लाखन कटारिया की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।
नसीरपुर निवासी 30 वर्षीय लाखन कटारिया दिल्ली-दून हाईवे स्थित संगम होटल में ट्रक चालक हैं। वह अपनी पत्नी सपना, मां बालेश्वरी और तीन बच्चों शिव, किट्टू और एलिक्स के साथ गांव में रहते हैं। सोमवार को सहारनपुर से आए ईसाई पास्टर जोनी और उसका साथी उनके घर पहुंचे और कथित तौर पर परिवार को अपने धर्म में शामिल कराने का प्रयास किया।
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर मतांतरण रोक दिया। इस दौरान उन्होंने पुलिस को सूचना दी। गांधी कालोनी पुलिस चौकी से उप निरीक्षक रामवीर सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति को शांत कराया। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि परिवार पर दबाव बनाकर और विभिन्न प्रकार के लालच देकर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा था।
मौके पर मौजूद महिला रेखा को लाखन ने अपनी बहन की सहेली बताया, जो दो दिन से उनके घर पर थी। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं में प्रतीक शर्मा, तरुण, विक्रांत, वंश, मनु शर्मा और हर्ष शामिल थे। सीओ मंडी राजू कुमार साव ने बताया कि लाखन की तहरीर के आधार पर पास्टर जोनी और उसके अज्ञात साथी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी गई है।
लाखन ने बताया कि उसे काम और पैसे का लालच दिया गया। उन्होंने कहा कि वह पांच साल पहले रोडवेज बस स्टैंड स्थित चर्च सहित सहारनपुर और रुड़की के चर्चों में भी गया था, लेकिन वह धर्म परिवर्तन के पक्ष में नहीं है।
इस बीच, पुलिस जांच के दौरान लाखन की मां ने उप निरीक्षक रामवीर के साथ विवाद किया और उन्हें धक्का भी दिया। हालांकि बाद में लाखन अपनी मर्जी से पुलिस के साथ सहयोग के लिए गया।