मुजफ्फरनगर। शिक्षकों की चयन प्रक्रिया, वेतनमान और रसोई माताओं के मानदेय को लेकर शुक्रवार को भाकियू शिक्षक प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) से मुलाकात की कोशिश की, लेकिन बातचीत न होने पर मामला हंगामे में बदल गया। गुस्साए पदाधिकारियों ने बीएसए को कार्यालय में बंद कर बाहर मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया और जोरदार नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए।
शाम से शुरू हुआ यह प्रदर्शन रात आठ बजे तक जारी रहा। जानकारी मिलते ही भाकियू जिलाध्यक्ष नवीन राठी भी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया।
बताया गया कि भाकियू शिक्षक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष राम रतन अपने साथियों के साथ बीएसए संदीप कुमार से मुलाकात के लिए पहुंचे थे। उनका कहना था कि वे शिक्षकों के चयन वेतनमान और मिड-डे मील में कार्यरत रसोई माताओं के मानदेय को लेकर चर्चा करना चाहते थे। लेकिन, बीएसए ने बात करने से इनकार कर दिया, जिससे नाराज होकर शिक्षक धरने पर बैठ गए।
मौके पर पहुंचे जिलाध्यक्ष नवीन राठी ने कहा कि बीएसए का यह रवैया अनुचित है। उन्होंने कहा कि जिले के शिक्षकों की समस्याएं सुनना और समाधान करना अधिकारी का दायित्व है। जब तक उनकी मांगें नहीं सुनी जातीं, आंदोलन जारी रहेगा।
दूसरी ओर, बीएसए संदीप कुमार ने अपने पक्ष में कहा कि वे शिक्षकों और पदाधिकारियों की बात सुनने के खिलाफ नहीं थे, लेकिन प्रदर्शनकारियों की ओर से अभद्र व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा कि “शांति और मर्यादा में रहकर बात करने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जा सकती।”
इस दौरान शिक्षक देवेंद्र सिंह, पुष्पेंद्र कुमार, राजीव बालियान सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।