मुजफ्फरनगर: दुबई से फोरेक्स ट्रेडिंग कंपनियों के माध्यम से करोड़ों रुपये के निवेश कराने वाले लविश चौधरी उर्फ नवाब के एजेंटों के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार सुबह छापेमारी की। ईडी की टीम लगभग सुबह छह बजे छह गाड़ियों में मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव नरा पहुंची और तीन एजेंटों – कामरान, शौकीन और बिलाल – के घरों पर एक साथ छापा मारा।

ईडी ने लगभग नौ घंटे तक तलाशी ली। इस दौरान तीनों मकानों के बाहर सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए और स्थानीय पुलिस को शामिल नहीं किया गया। सूत्रों के अनुसार, शौकीन और बिलाल को हिरासत में लिया गया है, जबकि कामरान फरार बताया गया है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

जानकारी के अनुसार, गाजियाबाद जिले के पसौंडा गांव के रहने वाले लविश चौधरी उर्फ नवाब नौ साल पहले मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव नरा में आए थे। उन्होंने कौशल विकास ट्रेनिंग सेंटर खोलकर लोगों को अपने नेटवर्क में जोड़ा और फिर ऑनलाइन फोरेक्स ट्रेडिंग में कदम रखा। बोट ब्रो और एलगोबोट जैसी कंपनियों के जरिए हजारों लोगों से 500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश जुटाया गया। निवेशकों को कंपनी की बिटक्वाइन योजनाओं TLC 1.0 और TLC 2.0 के माध्यम से भारी मुनाफा दिलाने का लालच दिया गया। वर्तमान में लविश चौधरी दुबई में रह रहा है।

पिछले दिनों ईडी ने लविश चौधरी के एजेंट नवाब हसन समेत दो लोगों को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया था और अन्य संदिग्धों की जांच भी की। इसी जांच के सिलसिले में बुधवार को नरा में यह छापेमारी की गई।

ईडी की टीम के साथ पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान भी मौजूद रहे और बाहर से किसी भी व्यक्ति को मकानों में प्रवेश नहीं करने दिया गया। मीडिया से दूरी बनाए रखी गई और अपराह्न लगभग सवा तीन बजे तक तलाशी जारी रही। टीम ने अपने साथ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी ले गई।

मंसूरपुर थानाध्यक्ष आनंद देव मिश्र ने बताया कि ईडी ने छापेमारी से थाने को कोई सूचना नहीं दी थी और उन्हें नहीं पता था कि छापा कहां मारा गया।