मुजफ्फरनगर। दिल्ली-देहरादून हाईवे के किनारे शेरनगर, धंधेड़ा और बिलासपुर गांवों में आवास-विकास परिषद की नई कालोनी योजना को लेकर ग्रामीण और किसानों का विरोध तेज हो गया है। मंगलवार को शेरनगर में चौधरी हनीफ के आवास पर आयोजित पंचायत में किसानों ने स्पष्ट कर दिया कि वे अपनी जमीन किसी भी हाल में नहीं देंगे और अगर जबरन अधिग्रहण किया गया तो जान देने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

पंचायत में मनोज राठी, सुकेश कुमार, हरीश भूषण, मोहम्मद तौसीफ, प्रमोद राठी और मनोज गुर्जर सहित अन्य किसानों ने कहा कि परिषद ने खतौली और मुजफ्फरनगर की शाकुंतलम कालोनी के बाद अब 500 करोड़ रुपये की लागत से शेरनगर, धंधेड़ा और बिलासपुर में आवासीय योजना बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। दिल्ली की हेनटेक इंजीनियरिंग एंड प्राइवेट कंपनी को भूमि सर्वे का जिम्मा सौंपा गया है।

किसानों का कहना है कि यह भूमि उनकी आजीविका का मुख्य साधन है और परिवार का पालन-पोषण इसी पर निर्भर करता है। परिषद का दावा है कि भूमि विकसित करने के बाद किसानों को हिस्सा मिलेगा, लेकिन इसमें किसानों की सहमति नहीं है। पंचायत ने निर्णय लिया कि छह गांवों के किसान मिलकर सर्वे को रोकेंगे और इस मामले में किसी भी अधिकारी से बातचीत नहीं करेंगे।

आवास-विकास परिषद को कुल 284.1043 हेक्टेयर भूमि अर्जित करनी है। गजट नोटिफिकेशन जारी होने के बाद किसानों की लगभग 500 से अधिक आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। मुआवजे की प्रक्रिया अब भूमि अध्यापित अधिकारी (एसएलओ) को भेजी जाएगी। किसानों को धारा-29 के तहत नोटिस जारी किए जा चुके हैं और अब धारा-30 के तहत सुनवाई होगी।

भूमि का विवरण:

  • शेरनगर: 233.8144 हेक्टेयर

  • बिलासपुर: 35.5319 हेक्टेयर

  • धंधेड़ा: 16.758 हेक्टेयर

  • कुल भूमि: 284.1043 हेक्टेयर