मुजफ्फरनगर। पौराणिक तीर्थ स्थल शुकतीर्थ में गुरुवार को गंगा दशहरा का पर्व धार्मिक उत्साह और श्रद्धा के वातावरण में संपन्न हुआ। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने मां गंगा में स्नान कर पुण्य अर्जित किया और घाटों पर वैदिक अनुष्ठानों के माध्यम से पूजन कार्य संपन्न कराए। बच्चों के मुण्डन संस्कार भी कराए गए।

श्रद्धालुओं ने तीर्थनगरी में स्थित प्रमुख मंदिरों में दर्शन-पूजन किया और दान-पुण्य कर भंडारे आयोजित किए। पर्व के दौरान शुकतीर्थ में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। महाभारतकालीन इस ऐतिहासिक स्थल पर प्रातःकाल से ही स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। जयघोषों के बीच श्रद्धालुओं ने मां गंगा की पूजा की और अन्न-वस्त्र आदि का दान दिया।

पर्व से एक रात पहले ही शुकतीर्थ की ओर जाने वाले मार्गों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई थीं। मोरना, इलाहबास, बहुपुरा, भोकरहेड़ी, फिरोजपुर आदि मार्गों से श्रद्धालु तीर्थ नगरी पहुंचे और स्थानीय आश्रमों व धर्मशालाओं में ठहराव किया। अनेक स्थानों पर भंडारों का आयोजन हुआ, वहीं मेले में महिलाओं और बच्चों ने खरीदारी और खानपान का आनंद उठाया।

शुकदेव आश्रम में मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना
श्रद्धालु शुकदेव आश्रम पहुंचे, जहां प्राचीन वटवृक्ष की परिक्रमा कर उन्होंने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए धागे बांधे और दिव्य तोते के जोड़े के दर्शन किए। इस अवसर पर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण कर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। यह वही वटवृक्ष है जिसके नीचे शुकदेव मुनि ने राजा परीक्षित को भागवत कथा सुनाई थी। श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन कर प्रसाद अर्पित किया।

अन्य प्रमुख तीर्थों में भी दर्शन और पूजन
हनुमत धाम, गणेश धाम, पूर्णागिरि आश्रम, शिव धाम, दुर्गा धाम, पीतांबरा धाम, तिलकधारी आश्रम, माहेश्वर आश्रम, शनि धाम, दंडी आश्रम, गौड़ीय मठ, महाशक्ति सिद्ध पीठ जैसे अनेक धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं ने दर्शन किए और साधु-संतों से आशीर्वाद प्राप्त किया।

यातायात व्यवस्था रही प्रभावी
बढ़ती भीड़ को देखते हुए शुकतीर्थ में यातायात नियंत्रण के विशेष प्रबंध किए गए थे। बड़े वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर बैरियर लगाकर पार्किंग की व्यवस्था की गई। मुख्य मार्गों पर पुलिस बल की तैनाती की गई। गंगा में स्नान के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचाव हेतु पीएसी बल मोटरबोट के साथ तैनात रहा और श्रद्धालुओं को गहरे पानी से दूर रहने की सलाह दी गई। गंगा घाट पर खोया-पाया केंद्र भी संचालित किया गया।

प्रशासन ने ली राहत की सांस
पर्व के शांतिपूर्ण संचालन को सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी उमेश मिश्रा, एसएसपी संजय वर्मा, एसडीएम, एसपी देहात समेत कई अधिकारी लगातार मौके पर निगरानी करते रहे। जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल और अपर मुख्य अधिकारी पवन गोयल ने भी व्यवस्थाओं का जायजा लिया। भीड़भाड़ और सुरक्षा के बीच मेला शांतिपूर्वक संपन्न हुआ, जिससे प्रशासन ने राहत की सांस ली।