रामराज (मुजफ्फरनगर)। पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के चलते गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। मंगलवार को गंगा बैराज पर जलस्तर खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर दर्ज किया गया। इससे आसपास के खेतों में पानी भर गया है और निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
हंसावाला गांव के पास एक फार्म हाउस पर काम कर रहे चार श्रमिक जलभराव के चलते फंस गए, जिन्हें प्रशासन की तत्परता से सुरक्षित बाहर निकाला गया। प्रशासन ने क्षेत्र की सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट मोड पर डाल दिया है और ग्रामीणों को गंगा के किनारे न जाने तथा पशुओं को वहां न चराने की सख्त हिदायत दी गई है।
गंगा में बढ़ा डिस्चार्ज, खतरे के ऊपर बह रही नदी
सुबह 8 बजे बैराज के डाउनस्ट्रीम में जल प्रवाह 1,74,339 क्यूसेक और जलस्तर अपस्ट्रीम में 221.50 मीटर तथा डाउनस्ट्रीम में 219.70 मीटर रिकॉर्ड किया गया। वहीं, शाम चार बजे हरिद्वार से छोड़े गए 1,49,160 क्यूसेक पानी के कारण बैराज पर गंगा का स्तर और तेज़ी से बढ़ा, जिससे डिस्चार्ज बढ़कर 2,33,644 क्यूसेक तक पहुंच गया।
बता दें कि मध्य गंगा बैराज पर चेतावनी स्तर 219 मीटर और खतरे की सीमा 220 मीटर निर्धारित है। वर्तमान में गंगा 220.20 मीटर पर बह रही है। पानी में सिल्ट आने के कारण मध्य गंग नहर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
खेती में भर गया पानी, गन्ने की फसलें डूबीं
ग्राम प्रधान मदनपाल के अनुसार, खेतों तक पानी पहुंच चुका है और गन्ने की फसलें जलमग्न हो गई हैं। ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। मंगलवार सुबह कुछ किसान कृषि कार्य हेतु फार्म पर गए थे, लेकिन जलभराव के कारण फंस गए। बाद में एसडीएम जानसठ जयेंद्र सिंह के नेतृत्व में राहत टीम ने सभी को सुरक्षित बाहर निकाला।
28 गेट खोलकर पानी का प्रवाह नियंत्रित करने की कोशिश
सिंचाई विभाग के अवर अभियंता घनश्याम दास ने बताया कि बैराज पर दबाव कम करने के लिए 28 गेट खोल दिए गए हैं। ये गेट सामान्यतः पानी रोकने के लिए बंद रखे जाते हैं।
2013 जैसी स्थिति की आशंका
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 में गंगा में आई बाढ़ से हंसावाला, अल्लूवाला, अहमदवाला, चुहांपुर, लालपुर रहड़वा और शाहपुर जैसे गांवों में पानी घुस गया था, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ था। पशु चारे की भी भारी समस्या उत्पन्न हो गई थी।
प्रशासन की अपील - सतर्क रहें, किनारे न जाएं
एसडीएम जानसठ जयेंद्र सिंह ने कहा कि गंगा के किनारे बसे गांवों में लेखपालों को तैनात कर चौकसी बढ़ा दी गई है। गंगा के नजदीक कृषि फार्म में फंसे लोगों को निकाल लिया गया है। ग्रामीणों से अपील है कि सतर्क रहें, गंगा किनारे न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें।