मुजफ्फरनगर। जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर परखने के लिए केंद्र सरकार की 17वीं कॉमन रिव्यू मिशन (सीआरएम) टीम ने सोमवार को तीन दिवसीय निरीक्षण की शुरुआत की। पहले दिन टीम ने जिला अस्पताल और महिला चिकित्सालय के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के बघरा, जानसठ और चुडियाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा किया।

भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संयुक्त टीम का यह निरीक्षण जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता, संसाधनों की उपलब्धता और राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन का मूल्यांकन करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

टीम में एनसीडीएम की संयुक्त निदेशक डॉ. सिम्मी तिवारी, एनएचएम की प्रतिनिधि मौतुसी देबनाथ, डॉ. विनीत कुमार पाठक, नीरज गौतम और निशांत शर्मा शामिल रहे। राज्य स्तर से डॉ. मनोज शुक्ला, डॉ. सुनील वर्मा, डॉ. अमित सिंह, संदीप कनौजिया और सीएमओ डॉ. सुनील कुमार तेवतिया भी निरीक्षण में उपस्थित रहे।

जिला अस्पताल में टीम ने आपातकालीन वार्ड, ब्लड बैंक, पोषण पुनर्वास केंद्र, ऑपरेशन थिएटर और टीबी विभाग की व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण किया। मरीजों को दी जा रही सेवाओं, दवा वितरण, उपकरणों की स्थिति, स्वच्छता, रिकॉर्ड संधारण और स्टाफ की उपस्थिति पर भी रिपोर्ट तैयार की गई। इसके बाद महिला चिकित्सालय में एसएनसीयू, एमसीएच विंग और महिला ओपीडी का मूल्यांकन किया गया।

निरीक्षण के दौरान मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं, प्रसव सुविधाओं और नवजात देखभाल की स्थिति पर विशेष रूप से फोकस किया गया। सीएमओ डॉ. सुनील तेवतिया ने टीम को जिले में संचालित कार्यक्रमों, मानव संसाधन की स्थिति और विभागीय गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

इस बीच, निरीक्षण के दौरान एक मरीज ने सीआरएम टीम के सामने ही एक चिकित्सक पर ऑपरेशन के नाम पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया। मामला सामने आते ही सीएमएस डॉ. संजय वर्मा ने तत्काल मरीज को बिना किसी शुल्क इलाज कराने के निर्देश दिए। सीएमओ ने कहा कि फिलहाल इस तरह की कोई शिकायत उनके पास औपचारिक रूप से नहीं आई है।