मुजफ्फरनगर: जिले में इन दिनों स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में तेजी आई है। दीपावली की छुट्टियों के बाद खुले जिला चिकित्सालय में मरीजों की भीड़ बढ़ गई। बीमारियों का प्रकोप न केवल वयस्कों में, बल्कि बच्चों में भी देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को जिला चिकित्सालय की ओपीडी में लगभग 2000 मरीजों ने उपचार लिया।

जिला चिकित्सालय के सीनियर फिजीशियन डॉ. योगेंद्र कुमार त्रिखा ने बताया कि अधिकांश मरीज बुखार, कफ-कोल्ड, उल्टी-दस्त, पेट दर्द और सांस संबंधी शिकायतों के साथ अस्पताल पहुंचे। बुखार जैसी सामान्य बीमारियों के लिए 500 से अधिक मरीजों की जांच और उपचार किया गया, जबकि 50 से अधिक मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर उपचार किया जा रहा है।

बच्चों में बीमारी का प्रकोप अधिक
बच्चों में इस समय बुखार, कफ-कोल्ड, लूज मोशन और फेफड़ों में ब्रोंकाइटिस या एलर्जी जैसी समस्याएं ज्यादा देखी जा रही हैं। बच्चों की चिकित्सक डॉ. गरिमा अग्रवाल ने बताया कि मौसम में बदलाव कभी गर्मी, कभी सर्दी के कारण बच्चों में हेपेटाइटिस-ए की शिकायतें बढ़ रही हैं। प्रतिदिन 5-6 बच्चे हेपेटाइटिस-ए के लक्षण के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं। वर्तमान में पांच बच्चे हेपेटाइटिस के उपचार के लिए भर्ती हैं। इस रोग के लक्षणों में भूख न लगना, आंखों का पीला पड़ना, पेशाब का पीला होना और अत्यधिक थकान शामिल हैं। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि पिछले पांच-छह महीनों में बच्चों में हेपेटाइटिस के मामले बढ़े हैं।

डेंगू के मरीज भी सामने आए
जिले में डेंगू के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। जिला चिकित्सालय में एक बच्चा डेंगू वायरस (NS-1) से संक्रमित पाया गया, जबकि एक अन्य मरीज को सस्पेक्ट डेंगू के रूप में भर्ती किया गया है। संचारी रोग विशेषज्ञ डॉ. शमशेर अली ने बताया कि अब तक 38 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। ब्लॉकों के अनुसार मरीजों का वितरण इस प्रकार है: बघरा (3), बुड़ाना (1), चरथावल (1), जानसठ (3), खतौली (8), मोरना (2), सदर (4), पुरकाजी (4), शाहपुर (2), और मुजफ्फरनगर सदर (10)।

इन हालातों के बीच जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों ने नागरिकों से सावधानी बरतने और समय पर अस्पताल में इलाज कराने की अपील की है।