मुज़फ्फरनगर। आगामी 11 जुलाई से श्रावण मास की शुरुआत हो रही है, लेकिन कांवड़ यात्रा का सिलसिला पहले ही आरंभ हो चुका है। हर वर्ष की भांति इस बार भी मुज़फ्फरनगर कांवड़ मार्गों का एक प्रमुख केंद्र बना हुआ है, ऐसे में पुलिस एवं प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधा व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दे दिया है।

कांवड़ियों के लिए विशेष स्वास्थ्य व्यवस्था

कांवड़ यात्रा के दौरान संभावित स्वास्थ्य आवश्यकताओं को देखते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुनील कुमार तेवतिया के निर्देशन में सरकारी के साथ-साथ निजी चिकित्सा संस्थानों को भी निशुल्क सेवाएं देने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन का लक्ष्य है कि कांवड़ मार्ग से गुजरने वाले सभी यात्रियों को आपात स्थिति में त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके।

जानकारी के अनुसार, इस वर्ष लगभग 50 लाख से अधिक कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर जनपद के मार्गों से होकर गुज़रेंगे। ऐसे में चिकित्सा सुविधा को और अधिक सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से 34 से अधिक स्थानों पर स्वास्थ्य शिविर स्थापित किए जा रहे हैं।

निजी अस्पतालों को भी निर्देश

सीएमओ ने बताया कि कांवड़ मार्ग पर स्थित सभी निजी अस्पतालों, क्लीनिकों एवं चिकित्सकों को निर्देशित किया गया है कि वे आने वाले यात्रियों को निशुल्क परामर्श और आवश्यकतानुसार उपचार उपलब्ध कराएं। साथ ही, दवाओं और प्राथमिक उपचार सामग्री की पहले से व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

अस्पतालों में आरक्षित कांवड़ वार्ड

कांवड़ यात्रा के विशेष अवसर पर जिला अस्पताल में 20 बेड का वार्ड आरक्षित किया गया है, जहां गंभीर रूप से बीमार यात्रियों को भर्ती कर उपचार प्रदान किया जाएगा। वहीं, मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में 30 बेड का विशेष वार्ड बनाया गया है। कॉलेज के सीएमएस डॉ. कीर्ति गोस्वामी ने बताया कि मेडिकल कैंप में सभी आवश्यक जांच और दवाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके अतिरिक्त, छपार स्थित भारत आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में भी यात्रियों के लिए फ्री मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

प्रशासन का उद्देश्य इस बार की कांवड़ यात्रा को सुरक्षित, सुविधाजनक और व्यवस्थित बनाना है, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं को शीर्ष प्राथमिकता दी जा रही है।