मेरठ। मंसूरपुर थाना पुलिस ने फर्जी आरसी और अन्य कागजात बनाकर कार बेचने वाले अंतरजनपदीय गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में शहजाद मलिक (गांव गगोल) और प्रवीन कुमार व रविंद्र (शास्त्रीनगर) शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड दीपक, जो वर्तमान में आगरा आरटीओ कार्यालय में तैनात है, अभी फरार है।
एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत ने पुलिस लाइन सभागार में जानकारी दी कि रविवार को मंसूरपुर पुलिस ने शाहपुर रोड पर महिंद्रा थार कार को रोककर तलाशी ली। कार में दो फर्जी नंबर प्लेट, दो फर्जी आरसी और फाइनेंस से जुड़े अन्य दस्तावेज बरामद हुए। इसके बाद शहजाद मलिक, प्रवीन कुमार और रविंद्र को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के बाद पुलिस ने बेगराजपुर के खाली प्लाट से चार और फर्जी दस्तावेज वाली कारें बरामद कीं।
गिरोह की कार्यप्रणाली
आरोपियों ने बताया कि वे मेरठ के आरटीओ कार्यालय में तैनात दीपक के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा करते थे। गिरोह कार को फाइनेंस कराकर उसके कागजात बनवाता और बेच देता। शुरुआती कुछ महीनों तक किश्त दी जाती और बाद में भुगतान बंद कर दिया जाता। दीपक छोटे वाहनों के लिए 4 लाख रुपये और बड़ी कारों के लिए 6 लाख रुपये वसूलता था।
रविंद्र का कनेक्शन
गिरफ्तार आरोपी रविंद्र आरटीओ कार्यालय के बाहर बैठकर ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य कागजात बनवाने का काम करता था। वह लोगों को सस्ते दाम में कार दिलाने का झांसा देकर फंसाता था।
बेची गई लग्जरी कारें
शहजाद मलिक ने अपने नाम से दो थार और एक स्कॉर्पियो कार फाइनेंस कराई और बाद में बेच दी। वहीं महकार ने महिंद्रा एक्सयूवी अपने नाम कराकर नूर मोहम्मद को बेची। पुलिस अभी भी मास्टरमाइंड दीपक, महकार और जितिन की तलाश में जुटी है।
एसपी ने बताया कि पुलिस आरोपियों के कब्जे से बरामद कारों और फर्जी दस्तावेजों की जांच कर रही है और सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।