मुजफ्फरनगर। गवाह की हत्या मामले में एफटीसी कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए मां, बेटे और बेटी समेत छह आरोपियों को उम्रकैद की सजा दी है। अदालत ने प्रत्येक आरोपी पर 65 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
जानकारी के अनुसार, शामली जिले के कोतवाली क्षेत्र स्थित गांव लिलौन में वर्ष 2013 में एक बालक की हत्या हुई थी। उस मामले में गांव का ही अंजुल प्रमुख चश्मदीद गवाह था। आरोपियों ने उस पर केस में उनके पक्ष में गवाही देने का दबाव बनाया, लेकिन अंजुल ने झुकने से इंकार कर दिया। इसके बाद 26 फरवरी 2017 को आरोपियों ने दिनदहाड़े अंजुल की गोली मारकर हत्या कर दी।
घटना के बाद पुलिस ने डिंपल पत्नी संदीप, शकुंतला पत्नी श्याम सिंह, अंजु उर्फ बोबी पुत्री श्याम सिंह, अमित पुत्र श्याम सिंह, संदीप उर्फ छोटा पुत्र सीताराम और वीरेन्द्र पुत्र बाबूराम सभी निवासी लिलौन को नामजद कर गिरफ्तार किया था। पुलिस ने जांच पूरी कर सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
मामले की सुनवाई एफटीसी कोर्ट नंबर-1 के न्यायाधीश निशांत सिंगला की अदालत में हुई। एडीजीसी नीरज कांत मलिक ने बताया कि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने सभी छह आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 65 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।