मुजफ्फरनगर। मेरठ के कुख्यात नीरज बाबा की जमानत से जुड़ा एक बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोपी नीरज बाबा की जमानत में जिन दो लोगों को जमानतदार दिखाया गया था, उनमें से एक की मौत लगभग 14 वर्ष पहले हो चुकी थी। लंबे समय तक न तो आरोपी अदालत में पेश हुआ और न ही जमानतदारों का कोई अता-पता मिला, जिसके बाद कोर्ट ने पूरे प्रकरण की विवेचना कराने के आदेश दिए।

जांच का जिम्मा एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत को दिया गया। उन्होंने खतौली थाना क्षेत्र में वर्ष 2022 में दर्ज मामले से जुड़े दस्तावेजों की पड़ताल की। रिकॉर्ड के अनुसार, हस्तिनापुर निवासी प्रताप सिंह और बिलख सिंह को जमानतदार बताया गया था। लेकिन जब पुलिस ने दोनों के पते पर सत्यापन कराया तो पता चला कि प्रस्तुत पते फर्जी हैं और वहां ऐसा कोई व्यक्ति मौजूद ही नहीं है।

इसके बाद पुलिस वास्तविक परिवार तक पहुंची तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। बिलख सिंह ने बताया कि उनके भाई प्रताप सिंह का वर्ष 2008 में ही निधन हो चुका है। ऐसे में उनके नाम से जमानत का जारी होना पूरी तरह असंभव है। इससे स्पष्ट है कि किसी ने मृतक के दस्तावेजों का दुरुपयोग करते हुए अदालत में झूठी जानकारी पेश की।

एसपी सिटी ने पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट गैंगस्टर कोर्ट को भेज दी है। साथ ही मेरठ एसएसपी को इस फर्जीवाड़े में शामिल आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। पुलिस अब जिलेभर में जमानतदारों के दस्तावेजों की जांच के लिए एक माह का विशेष सत्यापन अभियान चलाएगी, जिसमें पेशेवर जमानतदारों की सूची भी तैयार की जाएगी।