मुजफ्फरनगर। राज्य कर विभाग की सचल दल इकाई, खतौली ने मीरापुर मार्ग पर किए गए एक अभियान में कर चोरी और राजस्व हेराफेरी के एक संगठित नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। जांच में सात वाहनों से पुराना लोहा और टीन टप्पर बरामद हुआ, जिनसे संबंधित दस्तावेज़ों में गड़बड़ी पाई गई।

सचल दल के सहायक आयुक्त नितिन कुमार बाजपेयी ने बताया कि 4, 12, 13 और 28 सितंबर 2025 को रोकने पर पांच वाहनों के पास ई-वे बिल नहीं थे, जबकि दो वाहनों के बिल की वैधता समाप्त हो चुकी थी। इन वाहनों से संबंधित फर्में बिहार, हरियाणा, पंजाब और झारखंड में पंजीकृत थीं, जिनमें से कई अस्तित्वहीन या फर्जी पाई गईं।

जांच में सामने आया कि ये वाहन लगभग एक ही समय में एक ही मार्ग से गुजर रहे थे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह पूर्व नियोजित और संगठित कर चोरी का मामला है। पकड़े गए फर्मों में बिहार के सुपौल की एमएस पीके एंटरप्राइजेज, हरियाणा के अंबाला की एमएस थापा ट्रेडर्स, पंजाब के लुधियाना की एमएस डीएम ट्रेडर्स और झारखंड के कोडरमा की एमएस आरके एंटरप्राइजेज शामिल हैं।

सचल दल ने पीके एंटरप्राइजेज और थापा ट्रेडर्स को अस्तित्वहीन घोषित कर उनके जीएसटी पंजीकरण निलंबित कर दिए हैं। इस मामले में थाना मीरापुर में 11 व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, जिनमें चार फर्म संचालक और सात वाहन चालक शामिल हैं।

जांच के दौरान यह भी पता चला कि माल को घोषित व्यापार स्थल के बजाय अन्य स्थानों से लोड किया गया था। फर्मों ने एक ही माल के लिए अलग-अलग इनवॉइस तैयार किए और पकड़े जाने के बाद ई-वे बिल जारी किया। माल का मूल्य वास्तविक बाजार मूल्य से कम दिखाकर कर चोरी की गई। मीरापुर पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़ी अन्य फर्मों और बिचौलियों की भूमिका की भी जांच कर रही है।