ककरौली और मुरादाबाद में पुलिस ने जुलाई में कांवड़ यात्रा के दौरान भड़काऊ वीडियो वायरल करने के आरोप में 17 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। यह वीडियो पहले मंसूरपुर और मुरादाबाद का बताकर साझा किया गया था, लेकिन जांच में यह पाकिस्तान का 2024 का नरसंहार वीडियो निकला।

इस मामले में सेशन कोर्ट ने अब तक 12 आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। 21 जुलाई को ककरौली पुलिस ने ककरौली के तीन आरोपियों – नदीम, मनशेर और रहीश – को गिरफ्तार किया था। क्राइम पुलिस और एटीएस यूनिट ने व्हाट्सएप ग्रुपों की निगरानी के दौरान भड़काऊ सामग्री वायरल होने की जानकारी पाई।

पुलिस ने मोबाइल और डिजिटल साक्ष्य के आधार पर अन्य आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया। 17 आरोपियों में ककरौली निवासी रहीश, नदीम; मंसूरपुर निवासी जमीरूद्दीन; कोतवाली क्षेत्र के लद्दावाला निवासी नईमुद्दीन और फईमुद्दीन; किदवई नगर बड़ौत निवासी सलीम; मेरठ के कंकरखेड़ा के खडौली निवासी अय्यूब; मिमलाना रोड निवासी सालिक; रतनपुरी के भनवाड़ा निवासी जावेद; बुढ़ाना के जौला निवासी सलीम और फुरकान अली; मुरादाबाद के थाना भूरा पोड़ के बुझपुर आशा निवासी इमरान कादिर शामिल हैं।

अभियोजन पक्ष ने बताया कि आरोपी व्हाट्सऐप ग्रुपों जैसे ‘खिदमत अब्बासी’, ‘प्राउड़ इंडियन मुस्लिम मुरादाबाद’, ‘मुस्लिम समाज जिंदाबाद मुजफ्फरनगर’, ‘ऑल इंडिया एंपलॉयर ग्रुप’ और ‘ककरौली युवा एकता’ में यह वीडियो साझा कर दंगा भड़काने की साजिश रच रहे थे।

वीडियो में खून से लथपथ महिलाएं और बच्चे जमीन पर पड़े दिखाई दे रहे थे। आरोपी ने इसे 2025 की मंसूरपुर की घटना बताकर साझा किया और क्षेत्र में हिंसा के लिए उकसाया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से मोबाइल फोन और आपत्तिजनक सामग्री भी जब्त की है।

पुलिस मामले की आगे की जांच कर रही है और सभी आरोपी न्यायालय की कार्रवाई के अधीन हैं।