मुजफ्फरनगर। दहेज हत्या के एक पुराने मामले में एडीजे-2 कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए आरोपी वसीम को 15 साल की कठोर कैद और 36 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा दी है। यह मामला करीब 15 साल पुराना है और पुरकाजी क्षेत्र से जुड़ा हुआ है।
कोर्ट में दर्ज मामले के अनुसार, शिकायतकर्ता मौ. आलम ने पुरकाजी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि पुरकाजी के भूराहेड़ी गांव निवासी वसीम पुत्र हासिम ने अपनी पहली पत्नी के जीवित रहते हुए दूसरी शादी कर ली थी। जब उसने अतिरिक्त दहेज की मांग की पूर्ति नहीं की, तो उसने अपनी पहली पत्नी की हत्या कर दी।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दहेज प्रतिषेध अधिनियम समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी। आरोपी वसीम को 9 दिसंबर 2015 को गिरफ्तार किया गया। साक्ष्य एकत्र करने और विवेचना पूरी होने के बाद पुलिस ने 29 फरवरी 2016 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।
एसएसपी संजय कुमार वर्मा के ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत पुलिस अधीक्षक (अपराध) इंदु सिद्धार्थ के निर्देशन में पुलिस टीम ने मुकदमे की पैरवी को गंभीरता से आगे बढ़ाया। सरकारी वकील और कोर्ट पैरोकार आरक्षी अंकित सागर ने अदालत में ठोस तर्कों और सबूतों के आधार पर अभियोजन पक्ष का पक्ष मजबूत किया।
लंबी सुनवाई के बाद, एडीजे-2 की न्यायाधीश नेहा गर्ग ने आरोपी वसीम को दोषी मानते हुए उसे 15 वर्ष के कठोर कारावास और 36,000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।