मुजफ्फरनगर। मंसूरपुर पुलिस ने लग्जरी कारों की फर्जी खरीद-फरोख्त करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार करते हुए करीब एक करोड़ रुपये मूल्य की पांच लग्जरी कारें बरामद की हैं। गिरोह में मेरठ आरटीओ कार्यालय का एक बाबू भी शामिल बताया गया है, जो फिलहाल फरार है। पुलिस उसकी तलाश में दबिशें दे रही है।

एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने पुलिस लाइन में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि मंसूरपुर थाना प्रभारी आनंद देव मिश्र व उनकी टीम को सूचना मिली थी कि कुछ लोग फर्जी कागजातों के सहारे लग्जरी कारों की बिक्री कर रहे हैं। इस पर पुलिस ने शाहपुर कट के पास से थार कार सवार तीन व्यक्तियों- शहजाद मलिक निवासी गगौल थाना परतापुर (मेरठ), प्रवीन कुमार और रविंद्र यादव निवासी शास्त्री नगर थाना नौचंदी (मेरठ) को गिरफ्तार कर लिया।

आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने बेगराजपुर स्थित एक प्लॉट से चार अन्य लग्जरी कारें भी बरामद कीं। बरामदगी के दौरान पुलिस को दो फर्जी नंबर प्लेट, दो आरसी और 13 फाइनेंस दस्तावेज मिले हैं। जांच में सामने आया कि आरोपी गिरोह फाइनेंस पर कारें निकलवाकर, बैंक और आरटीओ कार्यालय में सांठगांठ कर फर्जी “नो ड्यूज” तैयार करवाते थे। इसके बाद वही वाहन नकली कागजातों के साथ बेच दिए जाते थे।

पुलिस के अनुसार, इस फर्जीवाड़े में मेरठ आरटीओ ऑफिस का बाबू दीपक, जो ऑफिसर्स कॉलोनी का रहने वाला है, मुख्य भूमिका निभाता था। वह वर्तमान में फरार है। गिरोह के अन्य सदस्य जितिन और महकार, दोनों गगौल (परतापुर) के निवासी हैं, जिनकी तलाश जारी है।

थाना प्रभारी आनंद देव मिश्र ने बताया कि बरामद की गई कारों की अनुमानित कीमत लगभग एक करोड़ रुपये है। अन्य आरोपियों के पकड़े जाने पर कई और वाहनों की बरामदगी की संभावना है। पुलिस ने तीनों गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय में पेश कर चालान भेज दिया है।