मुजफ्फरनगर के चरथावल कस्बे में कमला फार्म पर कांग्रेस की किसान-मजदूर अधिकार रैली का आयोजन किया गया। रैली को संबोधित करते हुए उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा सरकार को किसान और मजदूर विरोधी बताते हुए उस पर जमकर हमला बोला।

हरीश रावत ने कहा कि भाजपा सरकार में किसानों का शोषण हो रहा है। उनकी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा, जबकि डीएपी, यूरिया और कीटनाशक खाद समय पर उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस के प्रयासों का उदाहरण देते हुए बताया कि राहुल गांधी के द्वारा संसद में भूमि अधिग्रहण बिल पारित कराने से किसानों को अब अपनी जमीन का चार गुना मुआवजा मिल रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों की भी आलोचना की और कहा कि आज यूपी सरकार 'कपड़े देखकर' लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, जबकि कांग्रेस शासन में ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने देश के निर्माण में किसान और मजदूरों के योगदान को अहम बताते हुए कहा कि जो सरकार इन वर्गों के प्रति संवेदनशील नहीं हो सकती, वह देश की प्रगति में भी पीछे रह जाती है।

हरीश रावत ने किसानों के दिल्ली कूच पर चिंता जताई और कहा कि जब किसान अपने हक की मांग करने दिल्ली जाते हैं, तो उन्हें रोककर अपमानित किया जाता है। उन्होंने सरकार पर सवाल उठाया कि 700 से अधिक किसानों की बलि देने के बाद भी सत्ता में बैठे लोगों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा, ऐसे में ऐसी सरकार किसान हितैषी कैसे हो सकती है।

रैली में पूर्व गृहमंत्री सईदुज्जमा, जिलाध्यक्ष सतपाल कटारिया, डॉक्टर जगवीर सिंह, सलमान सईद, अशोक सैनी, मनीष त्यागी, मुकुल शर्मा, रेणु तोमर, आकिब इंजीनियर, पंकज शर्मा, अमनोल जेन, विक्रांत त्यागी, बिलकिश चौधरी, अफसाना अंसारी, शोदयाल प्रधान, गफ्फार, उदयराज सिंह, बबली राणा सहित सैकड़ों कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद रहे।