मुजफ्फरनगर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश विद्युत वितरण निगम (PVVNL) ने जिले में लगातार बढ़ रही बिजली चोरी पर नकेल कसने की ठान ली है। निगम ने एक व्यापक अभियान शुरू करने की योजना बनाई है, जिसके तहत प्रत्येक खंड में 10 हजार से अधिक उपभोक्ताओं के मीटर और बिजली कनेक्शन की औचक जांच की जाएगी।

ऊर्जा निगम के अधिकारियों के अनुसार, यह जांच विशेष रूप से उन इलाकों में की जाएगी जहाँ मीटर में शंटिंग, अनियमित खपत या सीधे तार जोड़कर बिजली लेने जैसी गतिविधियों की आशंका है। साथ ही, लंबे समय से बकाया बिल वाले उपभोक्ताओं पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य अभियंता विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि हाल ही में की गई प्राथमिक जांच में मुजफ्फरनगर और शामली जिलों के करीब 20 गांवों और कई शहरी कॉलोनियों में बिजली चोरी की दर 60 प्रतिशत से अधिक पाई गई है। इसमें सिसौसी, सांझक, भैंसी और शहर के सुजडू, इनामगेट, किदवईनगर, लद्दावाला जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक खंड क्षेत्र में लाइनमैन, टीजी-2 और अवर अभियंता से उपभोक्ताओं की पूरी सूची और पतों का ब्यौरा मांगा गया है, ताकि जांच टीम सही उपभोक्ताओं तक पहुंच सके।

ऊर्जा निगम ने सभी अधीक्षण अभियंताओं और अधिशासी अभियंताओं को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में लाइनलॉस वाले इलाकों की पहचान कर सघन जांच अभियान चलाएँ। जांच के दौरान किसी भी उपभोक्ता के यहां बिजली चोरी या मीटर में छेड़छाड़ पाई जाती है, तो तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य अभियंता विनोद कुमार गुप्ता ने स्पष्ट किया,
“हमारा लक्ष्य न केवल बिजली चोरी पर रोक लगाना है, बल्कि ईमानदार उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा सुनिश्चित करना भी है। आने वाले दिनों में यह अभियान और भी तेज गति से चलेगा।”