मुजफ्फरनगर। दीपावली के बाद से जिले की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। कभी राहत देने वाली ठंडी हवाएं अब लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन चुकी हैं। रविवार को प्रदूषण का स्तर चिंताजनक रूप से बढ़कर एक्यूआई 339 दर्ज किया गया, जिससे मुजफ्फरनगर राज्य के सातवें सबसे प्रदूषित शहर के रूप में दर्ज हुआ।
दीपावली के तुरंत बाद नगर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सड़कों और औद्योगिक क्षेत्रों में पानी का छिड़काव कराया था। इससे कुछ दिनों तक हवा में सुधार देखने को मिला, लेकिन समय बीतने के साथ धूल और प्रदूषण के सूक्ष्म कण (PM 2.5 और PM 10) दोबारा सक्रिय हो गए। अब वही कण जमीन से उठकर हवा में तैर रहे हैं, जिससे सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन जैसी समस्याएं बढ़ गई हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, दीवाली के बाद शुरुआती दिनों में शहर का एक्यूआई 200 से 250 के बीच था, जो सामान्य श्रेणी में गिना जाता है। लेकिन अब यह स्तर गंभीर श्रेणी (Severe Category) में पहुंच गया है। लगातार बढ़ते प्रदूषण ने न केवल आम जनता बल्कि प्रशासन की चिंता भी बढ़ा दी है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने एंटी-स्मॉग गन और टैंकरों से पानी छिड़काव की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। वहीं, नगरपालिका को कचरा जलाने पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन शिकायतें अब भी जारी हैं। क्षेत्रीय अधिकारी गीतेश चंद्र ने बताया कि प्रदूषण कम करने के लिए औद्योगिक इकाइयों और कोल्हुओं का निरीक्षण भी बढ़ाया जाएगा।
“हमारे स्तर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण के लिए पानी का छिड़काव बढ़ाया जा रहा है और नगर पालिका को भी स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कचरा जलाने की घटनाएं रोकी जाएं।”
— गीतेश चंद्र, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड